


नई दिल्ली। उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 16वां दिन है। रेस्क्यू के बीच उत्तरकाशी में टनल के बाहर चौंकाने वाली घटना हुई है। यहां टनल के बाहर भगवान शिव जैसी आकृति उभर आई है। टनल के बाहर स्थापित बौखनाग देवता के मंदिर के पीछे भगवान शिव जैसी आकृति उभरी है। कुछ लोगों का दावा है कि शिव जी जैसी ये आकृति पानी के रिसाव से बनी है। ये पानी कहां से आ रहा है। इसका पता नहीं है। हालांकि, पानी का रिसाव और भी कई जगह हो रहा है लेकिन ऐसी आकृति और कहीं नहीं बनी है।
मजदूरों को निकालने के लिए 3 प्लान पर काम
बता दें कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल रेस्क्यू को 16 दिन हो चुके हैं। लेकिन अभी भी टनल में फंसे मजदूरों को नहीं निकला जा सका है। मजदूरों को निकालने के लिए अलग-अलग प्लान पर काम किया जा रहा है। सिलक्यारा टनल में मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है। टनल के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग भी की जा रही है। वहीं, सिलक्यारा टनल के दूसरे छोर बडक़ोट एंड से भी टनल में फंसे लोगों को निकलने के लिए काम किया जा रहा है।
कैसे हो रही वर्टिकल खुदाई?
टनल के ऊपर से बोरिंग जारी है। बोरिंग का काम तेजी से हो रहा है। 200 रूरू का पाइप डाला जा रहा है। 90 मीटर खुदाई करने का प्लान है। 30 मीटर से ज्यादा बोरिंग हो चुकी है। करीब 60 मीटर की बोरिंग अभी बाकी है। खुदाई के बाद 10 मीटर ड्रिलिंग होगी।
सेना का ‘ऑपरेशन मूषक’
‘ऑपरेशन मूषक’ यानी रैट बोरिंग या माइनिंग के जरिए मजदूरों को निकालने पर काम हो रहा है। चूहों की तरह पहाड़ खोदने की तैयारी है। मैनुअल ड्रिलिंग करके मलबा हटाया जाएगा। देसी औजारों से मलबा हटाया जाएगा। मजदूरों तक पहुंचने का रास्ता बनाया जाएगा। सेना के जवान और सिविलियन्स साथ काम करेंगे। टनल से रेस्क्यू की गंभीरता को आप ऐसे समझ सकते हैं कि रैट माइनर्स अपने छोटे औजारों के साथ तैयार हैं। प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा राहत और बचाव के काम को देखने पहुंचे हैं। वहीं, सिलक्यारा की दूसरी ओर का जो इलाका है बडक़ोट, उस तरफ से भी राहत का काम जारी है। जान लें कि सिलक्यारा टनल उत्तराखंड की अब तक की सबसे लंबी 4।5 किलोमीटर की टनल है। जिसका निर्माण सिलक्यारा और बडक़ोट की ओर से किया जा रहा है। बडक़ोट एंड की ओर से 1600 मीटर काम किया जा चुका है। यहां मजदूरों के लिए 483 मीटर माइक्रो टनल टीएचडीसी बना रही है। जिससे मजदूरों को बहार निकला जा सके।