भारत ने रचा इतिहास, चंद्रयान-3 ने फहराया चांद पर परचम

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नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के दक्षिण ध्रुव पर स्टेप हिस्ट्री रची है। उसने 20 मिनट में मून की अंतिम कक्षा से 25 किमी की यात्रा पूरी की। लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया।5 राफेल 30 मिनट की शुरुआत में रफ लैंडिंग बेहद सफल रही। इसके बाद 5 आर्किटेक्चर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की। तब उसकी चंद्रमा से दूरी 3 किमी की दूरी तय की गई थी। आख़िरकार लैंडर ने 6 रिज़ॉर्ट 04 मिनट पर चाँद पर पहला कदम रखा। इस तरह भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।

चांद के किसी भी हिस्से में यान अलग वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन को ही यह चित्र मिले हैं।
अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। कूड़े का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आ गया। करीब 1 घंटा 50 मिनट में। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे। चंद्रयान
मोदी बोले- चंदा मामा के दूर के नहीं, एक दौरे के दौरान पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुदाकर को बधाई दी। उन्होंने कहा- यह क्षण भारत के सामथ्र्य का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नए अपने का है। अमृतकाल में अमृतवर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।
नया इतिहास निर्मित ही हर भारतीय सितारे में डूब गया है। पहले कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं। एक दिन ऐसा आया कि बच्चा चंदा मामा बस टूर के हैं।
टैब रूस के नाम हो जाता है यह रिकार्ड
भारत से पहले रूस चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 यान की नीलामी वाला था। 21 अगस्त को यह जहाज़ पर उतरा था, लेकिन आखिरी ऑर्बिट रात के रास्ते भटक गया और चाँद की सतह पर पहुँच गया।
चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 35 मिनट में लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर उतरने में 41 दिन का समय लगा। पृथ्वी से चंद्रमा की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।
प्रवेश के बाद अब क्या होगा?
सेटल होने के बाद विक्रम चालू होगा और कम्युनिकेट विज़िट होगा।
फिर रिआँथल ओपनगा और प्रैगियन राॅवर राॅन्ट्राल से चाँद की सतह पर आये।
पवित्र चाँद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और ढाँचे के लोगो की छाप छोड़ेंगे।
विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो ड्रैगेगा और विक्रम लैंडर विक्रम की। ये फोटो वे पृथ्वी पर भेजेंगे।

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