


नागौर. यातायात नियमों के उल्लंघन पर ड्राइविंग लाइसेंस तीन माह के लिए निलम्बित करने का प्रावधान है, लेकिन यही गलती दो बार हो जाए तो चालक अपना लाइसेंस जीवन भर के लिए खो सकता है। जी हां, नियमों के तहत दो बार लाइसेंस निलम्बित होने के बाद परिवहन विभाग में बड़ी सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। दो कार्रवाई के बाद वाहन चालक का लाइसेंस निरस्त करने के अलावा विभाग के पास कोई चारा नहीं बचता। ऐसे में जीवनभर उसका लाइसेंस नहीं बन सकता। चालकों को नियमों की पालना के साथ ही वाहन चलाना चाहिए, ताकि वे अपनी और दूसरों की जान बचा सके। … ताकि लापरवाही का सबक मिले>यातायात पुलिस की जांच के दौरान कोई चालक यदि वाहन को तेज गति से या लापरवाही पूर्वक चलाते हुए मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लोगों की जान जोखिम में डालने के कारण चालक का लाइसेंस निलम्बित कर दिया जाता है, ताकि इस अवधि में वह वाहन चालन नहीं कर पाए और लापरवाही बरतने का सबक मिल सके। हमें भी जवाबदेह बनना होगा व्हीकल एक्ट के तहत पौने दो सौ वाहन चालकों के लाइसेंस निलम्बित कर दिए गए, लेकिन यह सोचने वाली बात है कि नागौर जैसे शहर और आसपास के गांवों में ही जब इतने मामले है तो अन्य जगहों पर क्या स्थिति होगी। पुलिस व परिवहन विभाग ने अपनी ओर से हादसों की रोकथाम को लेकर पुरजोर प्रयास किए, लेकिन जनता को भी तो जवाबदेह बनना होगा। यातायात नियमों की पूरी तरह से पालना करते हुए वाहन संचालन किया जाए तो हादसों में एकदम से कमी लाई जा सकती है। यह सब लॉक डाउन की अवधि में देख भी चुके हैं। वाहनों का संचालन जरूरत के हिसाब से ही था तो हादसों की संख्या में भी अप्रत्याशित रूप से कमी दर्ज की गई। जेब में लाइसेंस और हाथ में वाहन का स्टेयरिंग आ गया तो मानों दुनिया मु_ी में। लेकिन, सड़क पर फर्राटे भरने से आगे भी कुछ सोचना होगा, ताकि अपनी व अपनों की जान सलामत रहे। आए दिन सड़क हादसों में होने वाली मौतों से बचने के लिए स्वस्तर पर जागरूक होना पड़ेगा, ताकि लाइसेंस निलम्बन की नौबत ही न आए।