


जयपुर। राज्य में सियासी घमासान के बीच विधायकों और मंत्रियों के फोन टैपिंग की वायरल खबर को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। राजनीतिक सुलह के करीब दो माह बाद अब विधायकपुरी थाना पुलिस ने इस मामले में दो पत्रकारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इसमें सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेन्द्र सिंह और शरत कुमार को आरोपी बनाया गया यह खबर हुई थी वायरल:सियासी घमासान के दौरान जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनसे जुड़े विधायक जैसलमेर की एक होटल में ठहरे तो यह खबर वायरल हुई कि वहां विधायकों एवं मंत्रियों के फोन टैप किए जा रहे हैं। राज्य सरकार, पुलिस और स्वयं मुख्यमंत्री ने इस वायरल खबर को महज अफवाह बताया।अब जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम के ड्यूटी ऑफिसर ने सायबर थाने में एक परिवाद दर्ज कराया कि फोन टैपिंग को लेकर गलत तथ्यों के आधार पर खबरें वायरल की जा रही हैं। सायबर थाने ने इसका अनुसंधान किया। इसी बीच दो दिन पहले इस मामले में प्रकरण दर्ज कराया गया।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के दमन पर उतर आए हैं। कारण है विगत दिनों पत्रकारों ने वंचितों और अबलाओं की रक्षा के लिए आवाज उठाई। सरकार का यह कृत्य निंदनीय है।सतीश पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा
जिस खबर को लेकर आरोपी बनाया गया, वह पहले एक राष्ट्रीय और फिर प्रादेशिक चैनल पर प्रसारित हुई। उसके बाद यह खबर मैंने सोशल मीडिया पर शेयर की। खबर से संबंधित वीडियो क्लिप और लिखित बयान भी पुलिस को सौंप दिए। इसके बावजूद पुलिस ने खबर का मुख्य सोर्स तलाशने की बजाय मुझे जानबूझकर टारगेट किया।