कोरोना की दहशत, कोरोना से दो भाइयों की मौत

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जैसलमेर। विश्वव्यापी महामारी कोरोना की दहशत सीमावर्ती जैसलमेर में अब चरम पर पहुंचती नजर आ रही है। इस संक्रमण के चलते शहर में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। जैसलमेर के एक और बाशिंदे की गुरु और शुक्रवार की दरम्यानी रात को बीकानेर में उपचार के दौरान मौत हो गई। उससे महज दो दिन पहले मृतक के छोटे भाई की भी बीकानेर में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। तीन दिनों दो सगे भाइयों की कोरोना से मौत ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। जैसलमेर शहर के अनेक लोग कोरोना संक्रमित होने के बाद उपचार के लिए जोधपुर और बीकानेर गए हुए हैं। अब भी यह सिलसिला जारी है। इन दोनों शहरों में ही उपचार के दौरान गत दिनों के दौरान कम से कम आठ-दस जने कोरोना की वजह से फेफड़ों के संक्रमण अथवा हृदयगति रुकने की वजह से काल कवलित हो चुके हैं। सीटी स्केन से सामने आ रहा मज जैसलमेर में एक तरफ कोरोना पॉजिटिव मरीज संस्थागत क्वॉरंटीन से एक सप्ताह में नेगेटिव होकर बड़ी तादाद में घर लौट रहे हैं वहीं कई मामलों में जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद लोगों की तबीयत बिगड़ी है तथा सीटी स्केन करवाने के बाद फेफड़ों तक संक्रमण पहुंचने की जानकारी मिली है। इस दौरान सांस में तकलीफ आने अथवा ऑक्सीजन स्तर गिरने के बाद आपात परिस्थितियों में मरीजों को जोधपुर या बीकानेर आदि शहरों में रेफर किया जा रहा है। ऐसे में सीटी स्केन करवाने के प्रति पिछले कुछ समय से रुझान एकदम बढ़ गया है। प्रतिदिन 30-40 लोग अस्पताल व निजी जांच केंद्र में सीटी स्केन करवाने पहुंच रहे हैं। कई परिवारों में बनी चेन समय पर सभी आवश्यक उपाय नहीं अपनाए जाने के चलते कई परिवारों में कोरोना की चेन बन चुकी है। इससे संक्रमण के दिनोंदिन खतरनाक होने की आशंका मंडरा रही है। इन परिवारों में से कुछ के दो या इससे अधिक सदस्य बाहरी शहरों में उपचाराधीन हैं। जोधपुर एम्स में स्थान नहीं होने की स्थितियां भी सामने आ रही हैं। जैसलमेर के जवाहर चिकित्सालय में अब भी कोविड पॉजिटिव गंभीर रोगियों के उपचार की पूर्ण व्यवस्था नहीं हो पाई है। शहर के निजी चिकित्सालयों में भी यह सुविधा नहीं होने से लोगों के सामने बाहर जाकर इलाज करवाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है

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