अपनी असीम शक्ति को पहचाने बालिकाएं, बौद्धिक स्वतंत्रता के लिए स्वयं को करें तैयार-मेहता

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जिला कलेक्टर ने किया बालिकाओं से सीधा संवाद
बालिकाओं ने खुलकर पूछे सवाल, डीएम ने दिए जवाब
डायलॉग विद डीएम कार्यक्रम आयोजित
बीकानेर। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि बालिकाएं अपनी असीम शक्ति को पहचानें, अपनी क्षमता का और विकास करते हुए बंदिशों को तोडऩे के लिए खुद को तैयार करें।
जिला कलेक्टर ने बुधवार को रविंद्र रंगमंच पर महिला अधिकारिता विभाग की ओर से आयोजित डायलॉग विद डीएम कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत । हमें स्वयं को अपनी सोच में बदलाव के लिए तैयार करना होगा। कोई भी चुनौती या बाधा इतनी बड़ी नहीं है कि उसे दूर ना किया जा सके।
बौद्धिक रूप से स्वयं को सक्षम बनाएं
मेहता ने कहा कि जीवन में सफलता का आधार स्वतंत्रता है। बौद्धिक रूप से स्वयं को स्वतंत्र बनाएं। बौद्धिक स्वतंत्रता हमें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करेगी। सरकार और प्रशासन बालिकाओं के ख्वाब पूरे करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह कृष्णिया ने कहा कि जिस देश में कन्या पूजन होता है वहां महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध समाज के लिए शर्म की बात है। इसे बदलने के लिए कानूनी उपाय के साथ-साथ सामाजिक उपाय भी करने पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस प्रदेश भर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन ÓआवाजÓ प्रारंभ करने जा रही है। इसके तहत चिकित्सा, शिक्षा, महिला अधिकारिता सहित विभिन्न विभाग समन्वित रूप से प्रयास कर महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने, कानून की जानकारी देने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सचेत करने तथा समाज को महिलाओं के सम्मान के लिए तैयार करने की दिशा में काम करेंगे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बच्चियां अपनी शिक्षा पूरी करें। यह उनके सक्षम बनने का आधार है।
कलेक्टर बनने के लिए कैसे पढ़ाई करूं?
बेटियों ने पूछे जिला कलेक्टर से सवाल
डायलॉग विद डीएम कार्यक्रम में जिला कलेक्टर को अपने बीच पाकर बेटियां बेहद उत्साहित नजर आई। यह उत्साह सीधे तौर पर उनके सवालों में भी नजर आया। उदासर की रहने वाली पलक ने जिला कलेक्टर से सवाल किया कि मुझे कलेक्टर बनने के लिए कैसे पढ़ाई करनी चाहिए। जिला कलेक्टर ने पलक का हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि कड़ी मेहनत, नियमित अध्ययन और भाषा पर पकड़ के जरिए अभी से आप अपनी दिशा तय कर सकते हैं। संवाद के दौरान एक बालिका ने लॉकडाउन के कारण शिक्षा को हुए नुकसान के संबंध में सवाल किया। इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि निश्चित तौर पर कोरोना काल में शिक्षा प्रभावित हुई है। इससे बालिका शिक्षा पर भी असर हुआ है। सरकार ई शिक्षा और स्माइल के जरिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए शिक्षा दे रही है। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति के पास मोबाइल नहीं है इसलिए आकाशवाणी और दूरदर्शन पर भी एजुकेशन कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं विद्यार्थी इन कार्यक्रमों का पूरा लाभ लें।
संवाद के दौरान बच्चियों ने बढ़ती उम्र में तनाव को कैसे कम करें? महिला और बालिकाओं के खिलाफ अत्याचार की शिकायत कहां की जाए? निर्भया स्क्वायड, पुलिस के अतिरिक्त महिलाओं की सशक्त और सुरक्षा के लिए काम करने वाले संस्थानों की जानकारी और बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन के प्रयास जैसे विषयों पर सवाल किए। जिला कलेक्टर ने पूरी संवेदनशीलता के साथ बालिकाओं के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखें , आप कर सकते हैं अपने अंदर यह सोच को विकसित करें। शिक्षा अच्छे और बुरे की समझ पैदा करती है और जीवन को बदलने की क्षमता पढ़ाई और हुनर में ही है प्रत्येक बालिका अपने अंदर हुनर विकसित करें। निश्चित रूप से अपने हर ख्वाब को पूरा कर सकेंगे।
कार्यक्रम में महिला अधिकारिता की उपनिदेशक डॉ अनुराधा सक्सेना ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह के तहत आयोजित किए गए डायलॉग विद डीएम कार्यक्रम का परिचय दिया और अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह के तहत आयोजित की गई विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। कंसल्टेंट अरुण बीठू ने अतिथियों का आभार प्रकट किया और कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम एक आंदोलन के रूप में है जिसका उद्देश्य दुनिया की आधी आबादी को उनके हक दिलाना है।
Óबिटिया के सपनों का मांडणाÓ का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने राजस्थान की पारंपरिक मांडणा कला मे बनाए गए Óबिटिया के सपनों का मांडणाÓ का विमोचन किया। यह पेंटिंग जिला स्तर के सभी कार्यालयों व ग्राम पंचायतों में लगाई जाएगी। इस अवसर पर आवाज एक अभियान पोस्टर का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया । कार्यक्रम में आईसीडीएस उप निरीक्षक शारदा चैधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उपनिदेशक आरडी पवार और जिला शिक्षा अधिकारी दयाशंकर शर्मा सहित बड़ी संख्या में महिलाएं एवं बालिकाएं उपस्थित रही। बालिका उत्थान के लिए जारी किए महत्वपूर्ण नम्बर लिखे पोस्टर का भी वितरण किया गया।
इन बालिकाओं ने किए सवाल
कार्यक्रम के दौरान पलक, प्रिया, तालिमा शर्मा , तायमा, ज्योति ,देवी, मोनिका कस्वां, पूजा ,सरस्वती वसुंधरा और प्रिया यादव ने जिला कलेक्टर के समक्ष अपनी जिज्ञासा रखी। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रही 85 बालिकाओं को भी पुरस्कृत किया गया।

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