


बीकानेर। दीपों का त्यौहार दीपोत्सव शनिवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस त्यौहार के दिन हम माता लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा करते है। मगर क्या आप जानते है कि अगर ये पूजा विधि पूर्वक ना हो तो इसके कितने दुष्प्रभाव हो सकते है। आपको इसका फल नहीं मिलेगा और सारा परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा। इसलिए हम आपको बताएंगे की किस तरह से आप दिवाली का पूजन कर सकते है जिससे की देवी को प्रसन्न किया जा सकता हैै। इसके लिए हम आपको पूजन सामग्री बता रहे है जो कि आपकी पॉकेट पर भी भारी नहीं पड़ेगी और आपको माता लक्ष्मी और प्रथम पूज्य विनायक की कृपापात्र बनाएगी। दीवाली के पूजन की सामग्री इस प्रकार है…
लक्ष्मी-गणेश जी की तस्वीर (पाना)
लाल कपड़ा
देवी के वस्त्र
गुलाल, लौंग, हल्दी
जल पात्र
सिंदूर, इत्र, इलायची, कपूर, केसर
फूल माला
चांदी-सोने के सिक्के
सीताफल, कमल पुष्प,
लौंग पान, दुर्वा
खील-बताशे, घी, गंगा जल
धूुुप बत्ती, मिठाई, पंचमेवा, चीनी के खिलौने, मौली
रुई, रोली, चीनी
श्रीफल, हल्दी, जनेऊ
मिट्टी की हाट , लाल गेरु
विधि : पूजन करने के लिए सर्वप्रथम एक चौकी या पाटिये को अच्छे से साफ करके चौकी पर लाल कपड़ा बिछाए उसके बाद उस पर देवी लक्ष्मी और गणेश जी की स्थापना करें। अब चौकी के आस-पास लाल गेरु से मांडने बनाए और दिये जलाए। इसके पश्चात देवी को माला अर्पित करें व तिलक लगाऐं. इस दौरान ‘ऊ अपवित्र: पवित्रोवा सर्वास्थां गोतोपिवा।। य: समरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्माभ्यन्तरं: शुचि:।।Ó मंत्र का तीन बार जाप करें।
अब एक-एक करके देवी और गणेश को सारी चीजें फूल, सिंदूर, इत्र, इलायची, कपूर, खील, बताशे, चंदन, चांदी-सोने के सिक्के, पान, दुर्वा, मिठाई, पंचमेवा, चीनी के खिलौने, शहद, श्रीफल, हल्दी की गांठ इत्यादि अर्पित करें। कुछ मिठाईयां हाट में भी रखें और खील से इसे भर दे। अब सभी आरती करें और ‘ऊँ श्री महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्रोहि सर्व सौभाग्य देहि मे स्वाहाÓ मंत्र का जाप करते हुए देवी से कृपा बनाए रखने व आशीर्वाद देने की प्रार्थना करें। इसके बाद आखिरी में प्रसाद का वितरण करें।