


बीकानेर। दीपावली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। शास्त्रों व कहावतों में दीपावली मनाने के अलग-अलग कारणों के बारे में बताया गया है। साधारणत: हम लोग दीपावली मनाने का कारण राम के 14 वर्ष का वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटने व समुद्र मंथन द्वारा लक्ष्मी के प्राकट्य को मानते हैं। लेकिन इनके अलावा शास्त्रों के अनुसार दीपावली का यह त्योहार युगों की अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का भी साक्षी रहा है। 14 नवंबर को कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के साथ अमावस्या तिथि भी है। इस दिन रूप चतुर्दशी और दीपावली पूजन किया जाएगा। दीपावली के त्यौहार के दिन विशेष रूप से भगवान गणेश और लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है। इसी दौरान कुबेर महाराज की भी आराधना की जाती है। दीपावली में सरस्वती माता और हनुमान जी की भी आराधना होती है। दिपावली के लिए इस बार तीन मुख्य लगन है। यह कौन से लगन है और उनका क्या समय है, यह हम आपको बताएंगे।
मीन शुभ लग्न
दीपावली के त्यौहार के लिए पूजा अर्चना का पहला शुभ मुहूर्त खासकर उन लोगों के लिए है जो व्यापारी हैं इस लग्न में व्यापारी लोग अपने प्रतिष्ठानों में गणेश लक्ष्मी की पूजा अर्चना करेंगे और उनकी मूर्ति की स्थापना भी करेंगे। बात करें अगर समय की तो यह शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 6 मिनट से 3 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
दीप प्रज्वलन शुभ लग्न
दीपावली के दिन दीप प्रज्वलन लगन का शुभ मुहूर्त शाम 5:35 बजे से 7:25 तक है। दीप प्रज्वलन लग्न को प्रदोष लग्न भी कहा जाता है. यह एक स्थिर लग्न है, इसमें आप अपने घर में गणेश लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर सकते हैं और मूर्ति स्थापना कर सकते हैं।
रात्रि पूजा लग्न
रात्रि पूजन लग्न उन साधकों के लिए होता है जो मंत्र सिद्धि करते हैं. जो मंत्र का जाप करते हैं. इस लग्न में पूजा करने का एक विशेष महत्व होता है। दीपावली के दिन रात्रि पूजन लगन का शुभ मुहूर्त रात्रि 21:03 से 26:03 तक रहेगा।
चौघडिय़ा लग्न
चौघडिय़ा लग्न में शुभ मुहूर्त शाम 8:56 से रात्रि 10:35 तक रहेगा। दीपावली के दिन जितने भी शुभ मुहूर्त है, उनके बीच में यह मुहूर्त पड़ता है, जिस वजह से इसे चौघडिय़ा मुहूर्त बोला जाता है. इस मुहूर्त के दौरान आप मूर्ति स्थापना के साथ पूजा पाठ कर सकते हैं।
कैसे पूजा अर्चना करें कि प्रसन्न हो माता लक्ष्मी
ज्योतिषाचार्य पं भैरव रतन बोहरा के अनुसार दीपावली में माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा आराधना की जाती है और मूर्ति स्थापित की जाती है। माता लक्ष्मी को गुड़ और धान के लावा बहुत ज्यादा पसंद है, इसी से उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पूजा के दौरान गाय के घी और कमल के दाने से हवन किया जाना चाहिए। कमल माता लक्ष्मी को बहुत ज्यादा प्रिय होता है, जिससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। माता लक्ष्मी को कमल पुष्प अर्पित करना चाहिए और अनार भी चढ़ाना चाहिए. माता लक्ष्मी इससे काफी खुश होती और धन का लाभ मिलता है. दीपावली के त्यौहार में भगवान कुबेर की पूजा का भी विशेष महत्व है। कुबेर महाराज दीपावली के शुभ मुहूर्त में पूजा से प्रसन्न होते हैं और धन का लाभ देते हैं। बोहरा के अनुसार बीकानेर में दीपावली पूजन का भी अलग मूहर्त है।
बीकानेर में दीपावली पूजन मुहुर्त
व्यवसायिक संस्थान, कार्यालयों, कारखानों में पूजन मुहूर्त दिन में
चर चौघडिय़ा 12:21 से 13:42
अमृत चौघडिय़ा 15:03से 16:42
इन दोनों के मध्य लाभ चौघडिय़ा है, इसमें पूजन नही करे क्योकि यह अशुभ वार वेला के साथ अधिव्याप्त है ।
प्रदोष काल मुहुर्त
प्रदोष काल 17:44से 20:23
वृषभ लग्न 17:45से 19:41
रात्रि में चौघडिय़ा मुहुर्त
शुभ,अमृत व चर
21:03 से 23:03
मध्य रात्रि में पूजन मुहुर्त
निशीथ काल
23:55से 24:00
सिंह लग्न
01.45 से 02.52