


बीकानेर। शहर की सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां एक ओर महापौर सहित पार्टी ने खुशियां मनाते हुए उपलब्धियों का बखान किया तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी पार्षदों ने उसे नकारते हुए विवादों से भरा हुए एक साल करार दिया। यहीं नहीं कांग्रेस ने निगम में परिवारवाद की दखल अंदाजी पर भी अनेक सवाल दागे। पे्रस वार्ता के दौरान साल एक विवाद अनेक के पोस्टर का लोकार्पण करते हुए पूर्व प्रतिपक्ष नेता जावेद पडिहार, महापौर प्रत्याशी अंजना खत्री सहित अनेक कांग्रेसी पार्षदों ने कहा कि महापौर सुशीला कंवर एक साल में जनता की भावनाओं पर खरी नहीं उतरी। इतना ही नहीं उनके स्वयं की पार्टी के 22 पार्षद उनकी कार्यशैली तथा निगम में परिवार की दखल अंदाजी से खासे नाराज चल रहे है। ऐसे में शहर का विकास ठप्प सा हो गया। जावेद ने उनकी नाकामियों को गिनाते हुए कहा कि पिछले एक साल में निगम में भाजपा के बोर्ड ने शहर का बंटाधार कर दिया। वार्डों में अनेक समस्याएं जस की तस पड़ी है। महापौर महज थोथी वाही वाही लूटने का काम कर रही है। धरातल पर महापौर ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया जो बेमिसाल की श्रेणी में आता है। संवाददाता सम्मेलन में पार्षद शिवशंकर बिस्सा, रमजान अली सहित अनेक कांग्रेसी मौजूद रहे।
ये गिनाएं विवाद
कांग्रेसी पार्षदों ने महापौर के एक वर्ष के कार्यकाल को विवादों में निगम की संज्ञा दी। जिसके तहत कमेटियां गठन विवाद, नंदी गौशाला विवाद, मृत पशु ठेका विवाद, निगम कर्मचारी-महापौर पति विवाद, निगम आयुक्त-महापौर पति विवाद, कचरा संग्रहण ठेका विवाद, ऑटो टिप्पर ठेका विवाद, पॉकलेन मशीन विवाद, महापौर-आयुक्त पावर गेम विवाद जैसे विवादों को गिनाते हुए कहा कि एक साल में गौवंश की जो दुर्गति हुई है। वह निगम में किसी के कार्यकाल में नहीं हुई।
ये ओर लगाएं आरोप
पार्षद अंजना खत्री ने कहा कि वार्ड बढऩे के साथ संशाधनों में बढ़ोत्तरी नहीं हुई। न तो वार्डों में साफ सफाई का कार्य पर्याप्त रूप से हो रहा है और न ही बंद पड़ी रोड लाईटें चालू करवाई जा रही है। हालात यह है कि एक साल में एक भी नई रोड लाईट किसी वार्ड में नहीं लगी। महिला शौचालय बनवाने का दावा भी फेल हो गया। ऐसे में महापौर का एक साल का कार्यकाल विफलताओं के अलावा ओर कुछ नहीं है।