


जयपुर। कोरोना संक्रमण की दर कम होने और जल्द वैक्सिन आने की गुड न्यूज के बाद शिक्षा विभाग एक बार फिर स्कूलों को खोलने की प्लानिंग में जुट गया हैं। हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर अंतिम फैसला होना है, लेकिन शिक्षा विभाग स्कूलों को खोलने को लेकर अपनी सक्रियता दिखाने लग गया है। शिक्षा विभाग अब किसी भी प्रकार के सिलेबस में और कटौती के मूड में नहीं है। कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश में मार्च के महीने में बंद हुए स्कूल अभी तक नहीं खुल सके हैं। स्कूलों को फिर से खोले जाने का फैसला केन्द्र सरकार ने राज्यों पर छोड़ दिया था। लिहाजा कुछ राज्यों में स्कूल खोल दिय गए। वहीं देश में राजस्थान समेत ज्यादातर राज्यों में अभी भी स्कूल नहीं खुल पाये हैं। अभी सरकारी स्कूलों में स्माइल कार्यक्रमों के जरिए वर्कबुक के आधार पर पढ़ाई करवाई जा रही है। वहीं निजी स्कूलें भी ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। हालांकि सरकार ने 9वीं से 12वीं तक विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों की रजामंदी से स्कूलों में गाइडेंस के लिए आने की इजाजत दे रखी है। लेकिन इसके बावजूद कक्षाओं में नियमित पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है। राज्य सरकार इसकी प्लानिंग करने में जुटी है।
अभी 31 दिसंबर तक राज्य में स्कूल और कॉलेजों को बंद रखा गया है
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि स्कूलों को पुन: खोले जाने के मसले पर चिकित्सा विभाग और गृह विभाग के सुझावों के आधार पर तथा केन्द्र सरकार की एसओपी को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला मुख्यमंत्री स्तर पर किया जायेगा। मौजूदा गाइडलाइन के मुताबिक 31 दिसंबर तक राज्य में स्कूल और कॉलेजों को बंद रखा गया है। लेकिन इसके आगे नए साल में स्कूलों को किस प्रकार दोबारा शुरू किया जाये इसे लेकर विभाग कसरत में जुटा है। शिक्षा विभाग का मानना है कि दोबारा स्कूलों को शुरू करने के लिए बकायदा राज्य में भी गाइड लाइन तैयार होगी। स्कूल में सोशल डिस्टेंस, मास्क और कोरोना से बचाव की पालना सुनिश्चित हो इन सब बातों का ख्याल रखना होगा।