



बीकानेर। राजस्थान प्री-वेटेरनरी टेस्ट के ऑनलाइन एग्जाम और ऑनलाइन काउंसलिंग में 16 ऐसे संदिग्ध मुन्ना भाई सामने आए हैं जिसमें प्रवेश परीक्षा में कोई और बैठा और जब वे प्रवेश में उत्तीर्ण हो गए तो काउंसलिंग के लिए कोई और पहुंचा। पकड़ में तब आए जब प्रवेश परीक्षा में कोई और बैठा दिखा और काउंसलिंग के फोटो लेकर पहुंचा कोई और अभ्यर्थी। अगर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की तरह आरपीवीटी की काउंसलिंग भी ऑनलाइन होती तो शायद ये पकड़ में भी नहीं आते। काउंसलिंग का एक भी चरण ऐसा नहीं जिसमें कोई ना कोई संदिग्ध सामने ना आया हो। मंगलवार को भी दो ऐसे संदिग्ध परीक्षार्थियों को काउंसलिंग टीम ने पकड़ा। संदिग्ध मानते हुए अभ्यर्थियों की पूरी डिटेल बीकानेर पुलिस और संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भेजी गई है। परीक्षा के समय कराई गई वीडियोग्राफी और काउंसलिंग के दौरान पहुंची फोटो के आधार पर पुलिस जांच कर रिपोर्ट कॉलेज को देगी। उसके बाद पुलिस और कॉलेज इन पर एक्शन लेगी। विश्वविद्यालय की सतर्कता से मामला सामने आया। आरपीवीटी का एग्जाम ऑफलाइन होता है। फार्म और परीक्षा देने वाले की फोटो एक ही इंसान होने के कारण परीक्षा में बैठने दिया गया लेकिन हर परीक्षा कक्ष की विवि ने वीडियोग्राफी कराई। सभी अभ्यर्थी परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए और काउंसलिंग के लिए पहुंचे। काउंसलिंग ऑनलाइन होती है लेकिन अभ्यर्थी को दो फोटो और दस्तावेज लेकर काउंसलिंग कमेटी के समक्ष पेश होना पड़ता है। जब काउंसलिंग टीम के समक्ष अभ्यर्थी पहुंचता है तो परीक्षा के समय कराई गई वीडियोग्राफी टीवी स्क्रीन पर चलती है। मंगलवार को जब दो अभ्यर्थी काउंसलिंग के पहुंचे तो परीक्षा देने वाले और काउंसलिंग के लिए पहुंचे अभ्यर्थियों के चेहरे नहीं मिले। इसलिए इन्हें काउंसिलिंग से अलग कर पुलिस में सूचना दी गई। आरपीवीटी की काउंसलिंग पूरी हो गई लेकिन ऑल इंडिया प्री-वेटेरनरी टेस्ट के कोटे की सीटों की काउंसलिंग पर असमंजस है। इसकी 15 से अधिक सीटें हैं। 31 दिसंबर तक इसकी भी काउंसलिंग होनी है। अगर वीसीआई इसकी काउंसलिंग नहीं करती तो वेटेरनरी विवि को सीटें भरने का जिम्मा मिल सकता है।