


जयपुर/दौसा। भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईपीएस मनीष अग्रवाल को आज गिरफ्तार कर लिया है। आईपीएस मनीष अग्रवाल को दौसा घूस कांड मामले में गिरफ्तार किया गया है। आईपीएस मनीष अग्रवाल पर दलाल के माध्यम से 38 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड करने का आरोप था। आपको बता दें कि 13 जनवरी को एसीबी ने दौसा में छापामार कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में एसडीएम पुष्कर मित्तल, पिंकी मीणा और आईपीएस मनीष अग्रवाल के दलाल नीरज मीणा को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद व्हाट्सअप कॉलिंग और चैटिंग के माध्यम से दलाल और दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल के बीच रिश्वत के खेल की परतें खुली थी। इसके आधार पर 21 दिन की जांच पड़ताल और पूछताछ के बाद मंगलवार को आईपीएस मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। आईपीएस मनीष अग्रवाल पर रिश्वत के अनेक आरोप लगे थे। हालांकि यह जो कार्रवाई हुई है यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे निर्माण कंपनी के प्रतिनिधियों से 38 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
विवादों में रहे हैं आईपीएस मनीष अग्रवाल
दौसा में करीब आईपीएस मनीष अग्रवाल का एसपी के रूप 6 महीने का कार्यकाल काफी विवादों में रहा था। पहला विवाद तबादला सूची को लेकर था जब दौसा जिले में स्थानीय चुनाव थे और आचार संहिता के बावजूद भी बिना आईजी की अनुमति से तबादला सूची जारी कर दी थी। वहीं एक ही एसएचओ को बार-बार बदला जा रहा था। इस मामले में भी तत्कालीन डीजीपी के हस्तक्षेप के बाद तबादला सूची निरस्त हुई थी। इसके अलावा सिकंदरा थाना क्षेत्र के दुष्कर्म के एक मामले में भी आईपीएस मनीष अग्रवाल पर 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था, जिसकी जांच पुलिस की सतर्कता कर रही है। वहीं नांगल राजावतान में जमीन का अवैध रूप से कब्जा करवाने की एसपी मनीष अग्रवाल ने कोशिश की थी। इसकी सूचना जब तत्कालीन आईजी को लगी तो उन्होंने मौके पर ही एक टीम को भेजा और उस टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर नांगल राजावतान के तत्कालीन एसएचओ सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। साथ ही एसपी के खिलाफ जांच शुरू कर दी। इस तरह के अनेक मामले में मनीष अग्रवाल के खिलाफ सामने आए थे। इधर, 13 जनवरी को एसपी के दलाल नीरज मीणा को गिरफ्तार किया गया तो आईपीएस मनीष अग्रवाल को गिरफ्तारी के लेकर दौसा में प्रदर्शन होने लगे।