निगम की खुद की गौशाला फिर भी पशु बेसहारा

UD tax will be the property of outstanding taxpayers
Spread the love

बीकानेर। शहर में लगे बड़े बड़े शहर में सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को पकडऩे का काम बंद है। करीब दस माह से न निगम स्तर पर बेसहारा पशु पकड़े जा रहे है और ना ही ठेकेदार फर्म के माध्यम से पशुओं को पकड़वाने का काम लिया जा रहा है। इससे सड़कों पर पशुओं की मौजूदगी फिर से होने लग गई है। आने वाले दिनों में कई त्यौहार है। सड़कों पर बेसहारा पशुओं की मौजूदगी से हर समय किसी दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी। बताया जा रहा है आने वाले दिनों में भी निगम की ओर से सड़कों से बेसहारा पशुओं को पकडऩे की योजना नहीं लग रही है। ऐसे में सड़कों पर इनकी संख्या बढऩा तय है। वहीं दूसरी ओर पूगल रोड स्थित निगम गोशाला के संचालन पर भी संशय बना हुआ है।
देर रात फिर घूमती नजर आई गाय
उधर जानकारी मिली है कि जिस गाय ने बुधवार को मुरलीधर में आतंक मचाकर एक महिला को घायल किया था। उसे पार्षद के प्रयासों से निगम ने पकड़ भी लिया। किन्तु देर रात वहीं गाय फिर उसी क्षेत्र में देखी गई। जिसको लेकर भी क्षेत्रवासियों में आक्रोश देखने को मिला।
सड़कों पर बढ़ रहे पशु
गली-मोहल्लों से लेकर बाजारों और कॉलोनी क्षेत्रों तक बेसहारा पशु खुले में घूम रहे है। निगम की ओर से एक बार सडक़ों पर घूम रहे दुधारू पशुओं को पकडऩे की कार्यवाही शुरू करने से सडक़ों पर से इनकी संख्या कम हो गई थी, लेकिन निगम की ओर से यह काम बंद करने से अब दुधारू पशु फिर से सडक़ों पर नजर आने लगे है। पशुओं की मौजूदगी से यातायात बाधित हो रहा है और पशुओं के कारण खतरा भी हर समय बना रहता है।
करोड़ों खर्च,नतीजा सिफर
हालात यह है कि गौशाला के निर्माण से लेकर गायों के रखरखाव तक निगम के करोड़ों रूपये अब तक खर्च हो चुके है और इतना ही भुगतान अभी करना बाकी है। उसके बाद हालात जस के तस बने हुए है। कांग्रेसी पार्षदों का आरोप है कि महापौर की जिद्द के कारण गौशाला का संचालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। वहीं कुछ भाजपा पार्षद भी गौशाला के सुचारू संचालन नहीं होने से नाराज नजर आ रहे है। गुरूवार को भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने संयुक्त रूप से आयुक्त के समक्ष शहर के लिये नासूर बन चुकी इस समस्या पर नाराजगी जताते हुए पशुओं को पकडऩे और गौशाला में रखने की मांग की।
महापौर,आयुक्त व जिला प्रशासन भी गंभीर नहीं
आपसी समन्वय के अभाव का इससे बड़ा उदाहरण क्या देखने को मिलेगा कि निगम को संचालित करने की धुरी कहे जाने वाले आयुक्त,महापौर व जिला प्रशासन में ही समन्वय नहीं है। जिसके चलते शहर की इस गंभीर समस्या के स्थाई समाधान की ओर इनका ध्यान ही नहीं जा रहा है।
प्रचार ज्यादा धरातल पर काम कम
कांग्रेसी पार्षदों का आरोप है कि महापौर शहर के विकास के बड़े बड़े दावे कर झूठी वाहवाही लूटने के लिये हार्डिग्स लगवा रही है। किन्तु धरातल पर काम नहीं होने से आमजन में रोष है। उन्होनें कहा कि महापौर पूर्व व पश्चिम विधानसभा में भी भेदभाव पूर्वक काम करवा रही है।

Load More Related Articles
Load More By alertbharat
Load More In blog

Leave a Reply