शराब के शौकिनों के लिए अच्छी खबर, मिलावटखोरी के लिए आबकारी विभाग ने उठाया यह कदम…

अत्यधिक शराब पीने से एक व्यक्ति की मौत
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जयपुर। पिछले कुछ समय शराब की बोतलों में मिलावटखोरी के मामले सामने आने पर आबकारी विभाग ने अब सख्त कदम उठाते हुए हाईटेक मैकेनिज्म तैयार किया है। इस मैकेनिज्म लागू होने पर शराब खरीददार ठेके से शुद्ध शराब मिलेगी। इसके अलावा विभाग ने शराब बनाने वाली कंपनी से लेकर ठेके पर बिकने तक हर बोतल को ट्रैक एंड ट्रैस भी कर सकेगा। इस हाईटेक सिस्टम में शराब की प्रत्येक बोतल के ढक्कन पर पॉलिस्टिर बेस क्यूआर कोड सिक्योरिटी होलोग्राम लगाया जाएगा, इसमें एक यूनिक सीरियल नम्बर होगा। डिपो से माल उठाने के बाद ठेकेदार होलोग्राम की सील नहीं हटा सकेगा। इस क्यूआर कोड होलोग्राम का फायदा यह होगा कि शराब खरीददार स्कैन कर देख सकेगा कि मिलावट करने के लिए सील तोड़ी नहीं हो गई है, साथ ही उसे एमआरपी, मैन्यूफेक्चरिंग डेट भी दिखेगी। इसके अलावा यह भी पता चलेगा कि जो शराब उसने खरीदी है वह अवैध तो नहीं है यानि किसी दूसरे राज्य से लाकर तो नहीं बेची जा रही। शराब में मिक्सिंग करने के लिए यदि सील से तोड़ी गई तो स्कैन नहीं होगी। यहीं नहीं ठेकेदार को भी प्रत्येक बोतल को स्कैन करने बेचना होगा, बिकने के बाद डाटा ऑनलाइन रिकार्ड हो जाएगा। इससे विभाग देख सकेगा कि शराब एमआरपी पर बेची गई या नहीं। इसके लिए एक अलग से मोबाइल एप भी बनाया जाएगा।
आबकारी विभाग ने 75 करोड़ का टेंडर निकाला, हर साल 250 करोड़ होलोग्राम छपेंगे
आबकारी विभाग ने इस मैकेनिज्म को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है और ट्रैक एंड ट्रैस वाले मैकेनिज्म को इसी साल से लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए हाल में 75 करोड़ रुपए टेंडर निकाला गया है। जिसके तहत हर 250 करोड पॉलिस्टिर बेस्ड क्यू आर कोड होलोग्राम छपवाए जाएंगे। यह होलोग्राम शराब बनानी वाली कंपनियों को सप्लाई होंगे और कंपनी को हर बोतल पर यह होलोग्राम लगाकर माल सप्लाई करना जरूरी होगा। इसकी प्री-बिड बोली 18 मार्च से शुरू होगी और टेक्निकल बोली 25 मार्च तक लगाई जा सकेगी। शराब बोतल को ट्रैक एंड ट्रेस वाला हाइटेक सिस्टम 8 से 10 राज्यों में लागू है। पड़ौसी राज्य पंजाब में अवैध और मिलावटी शराब की बिक्री को रोकने लिए पिछलें साल ही यह सिस्टम लागू किया गया है। इसके अलावा छतीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली में भी यह सिस्टम है। राजस्थान में अवैध और मिलावटी शराब की बिक्री को रोकने लिए रिकमडेशन कमेटी ने राज्य सरकार को यह सुझाव दिया था और इसे अब लागू किया जा रहा है। राजस्थान में हर साल करीब 7 से 8 हजार करोड़ अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री होती है।

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