


जयपुर। गहलोत सरकार ने राजस्थान के करीब साढ़े 8 लाख कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने उपार्जित अवकाश की एवज में नगद भुगतान करने पर जो रोक लगा रखी थी उसे हटा दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए उपार्जित अवकाश के एवज में नगद भुगतान देने की घोषणा की है। यानी अगर कोई कर्मचारी अपनी पीएल या अन्य उपार्जित अवकाश नहीं लेता है तो उसके बदले उसे नगद भुगतान किया जाएगा। करीब 1 साल से उपार्जित अवकाश के बदले नगद भुगतान पर अघोषित रोक लगी हुई थी। कोरोना महामारी की वजह से राज्य सरकार ने कर्मचारियों की वेतन कटौती के साथ-साथ उपार्जित अवकाश की एवज में नगद भुगतान देने पर भी अघोषित रोक लगा दी थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों की वेतन कटौती नहीं करने के बाद अब उपार्जित अवकाश की अवधि में नगद भुगतान देने की घोषणा कर कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है।
कर्मचारी संगठनों ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री की घोषणा का राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है। सचिवालय कर्मचारी संघ, सचिवालय अधिकारी संघ, सचिवालय सहायक कर्मचारी संघ और शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री की घोषणा को राहत भरी बताया है। कर्मचारी नेता गजेंद्र सिंह राठौड़, अभिमन्यु सिंह और मेघराज पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री से लंबे समय से उपार्जित अवकाश के बदले नगद भुगतान करने की मांग की जा रही थी।
कर्मचारी इसलिये आशंकित थे
इस संबंध में मुख्य सचिव, कार्मिक विभाग के सचिव को ज्ञापन दिया गया था। सचिवालय में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया था। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांग स्वीकार कर राहत प्रदान की है। कोरोना संक्रमण काल में राज्य कर्मचारियों को उपार्जित अवकाश का भुगतान नहीं मिल रहा था। सरकार की अघोषित रोक के कारण कर्मचारी आशंकित थे कि कहीं अवकाश लैप्स ना हो जाये।
जानिए उपार्जित अवकाश के बारे में
– एक सरकारी कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में 30 दिन का उपार्जित अवकाश मिलता है।
– एक कर्मचारी अपने अवकाश लेखों में अधिकतम 300 उपार्जित अवकाश अंकित कर सकता है।
– किसी सरकारी कर्मचारी को एक बार में अधिकतम 120 दिन तक का उपार्जित अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
– एक राज्य कर्मचारी प्रत्येक वर्ष में एक बार अधिकतम 15 दिन का उपार्जित अवकाश समर्पित कर उनके बदले नगद भुगतान प्राप्त कर सकता है।
– किसी अस्थाई कर्मचारी को 1 वर्ष की सेवा पूर्ण करने से पूर्व उपार्जित अवकाश के नगद भुगतान की स्वीकृति नहीं दी जाती है।
– अवकाश वेतन तथा भत्तों की गणना के लिए महीने का तात्पर्य 30 दिन से है।