


बीकानेर। पिछले कुछ समय से चल रहे कोरोनाकाल में जहां एक सरकार आमजनको राहत देने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग इसके विपरित चल रहा है। इस दौरान सरकार से आमजन राहत की आस लगाए बैठे, इसके बावजूद डिस्कॉम अधिकारियों की लापरवाही के चलते उपभोक्ताओं को मीटरों की रीडिंग लिए बिना ही दो से चार गुना अधिक राशि के औसत बिल थमाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं अपनी भूल और टाइपिंग एरर का हवाला देकर गरीबों को लाखों और करोड़ों के बिल भेजे गए हैं। ऐसा ही एक मामला मकराना शहर में सामने आया है। यहां ठेले पर नींबू पानी बेचने वाले अब्दुल सत्तार को डिस्कॉम ने दो माह का बिल 1 करोड़ 59 लाख 96 हजार 143 रुपए बकाया का बिजली बिल भेज दिया। इतनी बड़ी राशि का बिल देखकर पीडि़त को पहले तो बिल पर विश्वास नहीं हुआ। लेकिन जब उसने आस-पड़ोस के लोगों को बताया और सभी ने यही कहा कि बिल में तो उतना ही बकाया है, तो पीडि़त का बीपी बढ़ गया, उसको जैसे-तैसे लोगों ने संभाला। अब्दुल सत्तार ने घर के लिए मात्र एक किलोवाट बिजली का कनेक्शन लिया हुआ है। लेकिन इस बार आए दो माह के बिजली बिल में रीडिंग 5 मई 2021 को 18,59,783 यूनिट आई। कुल बकाया 1 करोड़ 59 लाख 96 हजार 143 रुपए दर्शाते हुए बिल जमा करवाने की अंतिम तिथि 17 जून बताई गई। इसके बाद राशि जमा करवाने पर विलंब शुल्क 3,74,544 रुपए अतिरिक्त बताया गया। जैसे ही अब्दुल सत्तार व उसके पुत्र सद्धाम ने बिजली बिल देखा उनके होश उड़ गए। अब्दुल सत्तार की तबियत बिगड़ गई और बीपी बढ़ गया। परिवार ने उसे संभाला और विभाग की बड़ी गलती मानते हुए तुरंत डिस्कॉम के सहायक अभियंता को मामले से अवगत कराया। बाद में डिस्कॉम कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर घरेलू मीटर की रीडिंग देखी तो उसमें मात्र 1555 यूनिट दर्शाई हुई मिली जो कि नया मीटर लगने के बाद पिछले कुछ महीनों की रीडिंग है। इससे पहले फरवरी में 220 और अप्रैल में 324 यूनिट का बिल अब्दुल सत्तार को दिया गया था।