गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, राजस्थान के 2.75 लाख भूखंडधारियों को मिलेगी ये बड़ी राहत

Big decision of Gehlot government, 2.75 lakh plot holders of Rajasthan will get this big relief
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जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने शहरी निकायों की जनता को राहत देने के लिए आगामी अक्टूबर माह में में शुरू होने वाले ‘प्रशासन शहरों के संगÓ अभियान से पहले बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत राजस्थान सरकार प्रदेश के करीब 2।75 लाख भूखंडधारियों को बड़ी राहत देने जा रही है। ये ऐसे भूखंडधारी हैं जिनकी कॉलोनियों के नियमन कैंप तो लग गए, लेकिन उन्होंने अब तक अपने भूखंडों या मकानों का पट्टा नहीं लिया है। ऐसे प्रकरण में नियमानुसार तो जब से नियमन कैंप लगा है तब से अब तक का 15 फीसदी की दर से ब्याज वसूला जाता है। लेकिन वह अब नहीं लगेगा। उसमें सरकार ने राहत दे दी है। नगरीय विकास विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए यह छूट देने की घोषणा की है। इसका लाभ मार्च 2022 तक मिल सकेगा। आदेशों के तहत यह लाभ केवल 17 जून 1999 से पहले बसी कॉलोनी वालों को ही मिलेगा। इसके बाद बसी कॉलोनियों के मामले में सरकार ने कोई राहत नहीं दी है। नगरीय विकास विभाग और जयपुर जेडीए के अधिकारियों की मानें तो इस कैटेगरी के पूरे प्रदेशभर में लगभग 2।75 लाख लोग हैं। जयपुर जेडीए रीजन में ही इस तरह के 41600 से ज्यादा भूखंडधारी हैं।
यह है नियम
17 जून 1999 से पहले की बसी कॉलोनियों के नियमन कैंप पूर्व में लग चुके हैं। इनमें कई लोगों ने पट्टा ले लिया था लेकिन कुछ लोगों ने अब तक पट्टा नहीं लिया था। नियमानुसार बाकी बचे लोग अपने भूखंडों या मकान का पट्टा लेना चाहते हैं तो उन्हें नियमन राशि पर नियमन शिविर की दिनांक से अब तक का ब्याज 15 फीसदी की दर से देना पड़ता था। लेकिन सरकार ने इस ब्याज की राशि को माफ कर लाखों लोगों को बड़ी राहत दी है।
इन्हें नहीं मिलेगी कोई राहत
17 जून 1999 के बाद बसी ऐसी कॉलोनियां जिनका नियमन कैंप पहले लग चुका है और उनमें पट्टा लेने से वंचित रह गए लोगों को सरकार ने कोई छूट नहीं दी है। इस तरह के जयपुर में ही 1.74 लाख से ज्यादा भूखंडधारी हैं।

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