


जयपुर। सरकारी कर्मचारियों को अपने सरकारी आवास को किराए पर देना महंगा पड़ेगा। सरकार ने इसके लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद उसे प्रदेश में लागू किया जाएगा। प्रदेश में सरकारी आवास आवंटन करवा उसे किराए पर चढऩे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसके अनुसार सरकारी कर्मचारी आवास को किराए पर देता हुआ पाया जाता है तो उससे जब से आवास आवंटन हुआ है तब से बाजार दर से किराया वसूला जाएगा। इससे कर्मचारियों के लिए यह बहुत महंगा पड़ेगा। सरकार का मानना है कि कई कर्मचारी अपना आवास बना लेते हैं लेकिन सरकारी आवास को छोड़ते नहीं है। उसे वह किराए पर दे देते हैं। इससे जरूरतमंद कर्मचारियों को आवास आवंटन में देरी होती है। सरकार उन्हें राहत प्रदान करने के लिए यह खास प्रावधान करने जा रही है। इसके लिए सरकार की ओर से दिल्ली आवास आवंटन नियमों का भी अध्ययन कर लिया गया है। हालांकि दिल्ली में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन दिल्ली में किराए पर आवास देने की परंपरा नहीं है। राजस्थान में इस परंपरा को तोडऩे के लिए नियमों में यह बदलाव किया जा रहा है।