


नागौर। नागौर में खाकी फिर बदनाम हुई है। कॉन्स्टेबल पर अपने 2 साथियों के साथ ज्वैलर व्यवसायी को किडनेप कर दो दिन तक बंधक बनाकर रखने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि पीडि़त ज्वैलर से एक लाख 87 हजार रुपये की नगदी और 38 ग्राम सोने की चेन भी लूट ली गई। इसके अलावा पीडि़त के परिजनों को फोन कर 5 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी गई। तीसरे दिन मामला बिगड़ता दिखा तो ज्वैलर को सड़क पर पटक दिया और भाग गए। परिजनों की रिपोर्ट पर जोधपुर जिले के फलौदी थाने में जीरो नंबरी एफआईआर दर्ज कर नागौर ट्रांसफर की गई है। वहीं नागौर एसपी अभिजीत सिंह ने आरोपी कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। श्रवणकुमार पुत्र देवीलाल सोनी निवासी धौलीबाला ने जोधपुर के फलौदी थाने में रिपोर्ट पेश कर बताया कि पांच दिन पहले रविवार को दोपहर में उसका बड़ा भाई हजारीलाल सोनी स्विफ्ट कार लेकर नागौर में उनके पुश्तैनी गांव करणु में दादा-दादी से मिलने गया था। वहां कॉन्स्टेबल मानसिंह और पप्पूराम सिंवर ने हजारीलाल को किडनेप कर लिया। अगले दिन नवरतन जाखड़ नाम के आदमी ने फोन कर धमकी दी कि हजारीलाल को मानसिंह, पप्पूराम सिंवर और उसने मिलकर किडनेप कर लिया है और हजारीलाल को जिंदा देखना चाहते हो तो 5 लाख रुपये लेकर आ जाओ। इसके अगले दिन जब वो 5 लाख रुपये लेकर वो नागौर जाने वाले थे, उससे पहले ही ये सभी उसके भाई को जोधपुर-बावड़ी रोड पर पटक कर भाग गए। पीडि़त ज्वैलर हजारीलाल स्मैक और एमडी जैसे नशे के कारोबार से जुड़ा रहा है।मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े उसके खिलाफ मामले भी दर्ज है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि लंबे समय तक डीएसटी टीम में रहे कॉन्स्टेबल मानसिंह गोदारा की हजारीलाल के नशे के कारोबार में संलिप्तता थी। कारोबार से जुड़े लेनदेन को लेकर ही हजारीलाल को किडनेप कर बंधक बनाया गया था। इधर कॉन्स्टेबल मानसिंह गोदारा के खिलाफ मामला दर्ज होने और नशे के अवैध कारोबार में संलिप्तता की जानकारी सामने आते ही नागौर एसपी अभिजीत सिंह ने आरोपी कॉन्स्टेबल मानसिंह गोदारा को सस्पेंड कर दिया है।