राजस्थान में फिर से बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

Health department alert regarding rising corona cases in Rajasthan, these instructions given to officials
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जयपुर। राजस्थान के नए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंतित है और इसे लेकर उन्होंने अपने विभाग के साथ बैक टू बैक बैठकें लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने आगामी दिनों में प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग को बढ़ाने, दिसंबर के अंत तक शत—प्रतिशत लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाने, दूसरे डोज में गति लाने और कोरोना से हुई मौतों के मुआवजे देने संबधी मामले जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा मंत्री ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक स्थलों जैसे भीड़-भाड़ वाले बाजार, मंडियों, बस स्टैंड, रेलवे स्टैंड और पर्यटक स्थलों और स्कूलों में रैंडम सैंपलिंग के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 28 हजार से ज्यादा सैंपल प्रतिदिन लिए जा रहे हैं। उन्होंने प्रतिदन 1 लाख तक सैंपल लेने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पतालों के आउटडोर या इंडोर में आने वाले सस्पेक्टेड, आईएलआई मरीजों का कोविड सैंपल लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा सैंपल लिए जाएंगे उतना जल्दी संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। राजस्थान कोरोना प्रबंधन में अव्वल रहा है। कोरोना वैक्सीनेशन में भी राजस्थान राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। प्रदेश में 84 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली और 54 फीसदी को दूसरी डोज लग चुकी है। सभी सीएमएचओ को दिसंबर माह के अंत तक पहली डोज शत-प्रतिशत लगाने और दूसरी डोज में तेजी से गति लाने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को घर-घर जाकर टीका लगाने और आमजन को दूसरे डोज के लिए प्रेरित करने के भी निर्देश, प्रदेश में प्रतिदिन 10 लाख डोज प्रतिदिन लगाने का लक्ष्य रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के पास प्रतिदिन 15 लाख वैक्सीन लगाने की क्षमता है।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश
चिकित्सा मंत्री ने कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों के सैंपल की जिनोम सैंपलिंग में गति लाने के साथ प्रदेश की सभी मेडिकल कॉलेजों में जीनोम सैंपलिंग की शुरुआत करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सीरो सर्विलांस, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स की प्रगति, आईसीयू, शिशु चिकित्सालों की स्थिति सहित कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस दौरान मौसमी बीमारियों की भी समीक्षा करते हुए कहा कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में माइक्रो प्लानिंग करते हुए प्रिवेंटिव एक्टिवटी चलाने और प्रभावित क्षेत्रों में फोगिंग व अन्य गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए।

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