गुरू बिन ज्ञान अधूरा, शिक्षक बिन शिष्य अधूरे, ऐसा ही हाल है इस स्कूल में, विद्यार्थियों में रोष, देखे वीडियो

Guru without knowledge incomplete, teacher without disciple incomplete, similar is the situation in this school, students' anger, watch video
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बीकानेर। चाहे भले ही सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव व सुविधाएं मुहैया करवाए जाने के दावे किए जाते रहे हो, किंतु धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। राजकीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक नहीं है। शिक्षण करवाने के नाम पर महज हो रही खानापूर्ति इन स्कूलों में अध्ययनरत हजारों लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथा खिलवाड़ है। भीम आमी के जिलाध्यक्ष कैलाश चन्देल ने इस आशय का ज्ञापन बज्जू उपखण्ड अधिकारी को सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि बरसलपुर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में पिछले दो सालों से विषय अध्यापकों के पद खाली पड़े हुए है। ऐसे में भारत-पाक सीमा स्थित इस गांव आसपास की ढाणियों में रहने वाले बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो रही है। इस स्कूल में कहने को शिक्षकों के 18 पद हैं, किंतु हकीकत में महज 6 का ही स्टाफ है। ऐसे में ये छह शिक्षक शेष सभी शिक्षकों के विषय का अध्यापन के नाम पर खानापूर्ति कर रहे है। उनके मुताबिक इस स्कूल में 430 विद्यार्थी अध्ययनरत है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि तीन दिन में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हुई तो स्कूल की तालाबंदी की जााएगी।

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