


बीकानेर। बीकानेर में एक संविदा कार्मिक को हड़ताल में शामिल होना भारी पड़ गया। दो दिनों की हड़ताल के बाद जब वह वापस काम पर लौटा तो उसको स्थानीय प्रबन्धन ने वापस ड्यूटी पर लेने से इनकार कर दिया। इस कार्मिक के समर्थन व मैनेजमेंट प्रबन्धन के विरोध में उतरे संविदा कार्मिकों ने कार्य का बहिष्कार करते हुए बाहर धरने पर बैठ गए। मामला मोहता रसायन शाला बीकानेर का है। मिली जानकारी के मुताबिक केन्द्रीय श्रमिक संगठनों एवं स्वतंत्र ट्रेड यूनियन के संयुक्त तत्वावधान में 28 व 29 मार्च को दो दिवसीय राष्ट्रीय आह्वान पर हड़ताल थी। जहां इंटक से जुड़ी मोहता रसायन शाला यूनियन से जुड़ी कार्मिक सुमन हड़ताल में शामिल हुई थी। हड़ताल के बाद जब वह वापस बुधवार को काम पर लौटी तो मोहता रसायन शाला प्रबन्धन ने उसको काम पर लेने से इनकार कर दिया। बता दें कि सुमन पिछले 13 सालों से संविदा कार्मिक के रूप में यहां काम कर रही है। इस पर मोहता रसायनशाला के कार्मिक मैनेजमेंट के विरोध में उतर आए और उन्होंने कार्य का बहिष्कार कर धरना शुरू कर दिया। इंटक जिला महासचिव अब्दुल रहमान कोहरी ने बताया कि जब तक इस मसले का समाधान नहीं होता। तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।