ट्रेन पर असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर रेलवे ने लिया यह फैसला

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यात्रियों को चोट की संभावना के साथ ही इस कृत्य से कारावास की सजा भी संभव
बीकानेर। रेलवे आपकी अपनी संपत्ति है। रेलवे डिब्बा या रेल परिसर में किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ एवं ए सामाजिक गतिविधि से जहां एक और रेल राजस्व का नुकसान होता है वहीं दूसरी ओर आपको रेल अधिनियम की धाराओं के तहत दंडित भी किया जा सकता है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार रेलगाड़ियों में पत्थरबाजी की घटना से जहां एक और यात्रियों को गंभीर चोट का खतरा रहता है वहीं दूसरी ओर पत्थर से कांच टूटने एवं पत्थर के उछलने से अन्य लोग भी घायल हो सकते हैं। ऐसा करने पर आपको रेल अधिनियम की धाराओं के तहत कारावास एवं जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि हाल ही में उत्तर पश्चिम रेलवे पर अजमेर– दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन प्रारंभ किया गया है तथा ट्रेन पर असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी की घटनाएं की जा रही है। वंदे भारत ट्रेन के संचालन प्रारंभ करने से अब तक इस ट्रेन पर 13 बार पत्थरबाजी की घटना हुई है, जिससे रेलगाड़ी के कांच छतिग्रस्त हुए हैं। अंतर इस तरह की घटनाओं से जहां एक और यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित होती है वहीं दूसरी ओर कांच को बदलने में रेल राजस्व की भी हानि होती है। प्रत्येक बार कांच बदलने में जहां एक और कोच को डिपो ले जाया जाना पड़ता है वहीं दूसरी और अतिरिक्त रेल राजस्व के साथ-साथ ट्रेन के डिटेंशन समय में वृद्धि होने से भी लॉसेज होते हैं।
ट्रेन या रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाना न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालता है बल्कि दण्डनीय अपराध भी है। रेलवे अधिनियम की धारा के तहत 5 वर्ष के कारावास की सजा भी हो सकती है। पत्थरबाजी की घटनाओं के क्षेत्र में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा निरंतर निगरानी कार्य किया जा रहा है जिससे असामाजिक तत्वों को तुरंत गिरफ्तार किया जा सके। रेलवे सुरक्षा बल पूर्ण मुस्तैदी एवं सतर्कता से यह कर कार्य कर रहा है। सभी से अपील है कि ट्रेन अथवा रेल संपत्ति को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचाये, न ही किसी अन्य को ऐसा करने दे। यदि कोई असामाजिक तत्व ऐसा करता पाया जाए तो तुरंत रेल सुरक्षा बल अथवा रेल प्रशासन को सूचना दें।

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