


जोधपुर। पुलिस की वर्दी पहन डोडा-पोस्त की तस्करी करने वाला एक तस्कर सात साल बाद गिरफ्तार हुआ। लेकिन, पुलिस को इस तस्कर को पकडऩे के लिए करीब 220 किलोमीटर तक पीछा करना पड़ा। जब पकड़ नहीं आया तो आखिर पुलिस ने घेराबंदी की और एसयूवी पर डंडों से हमला कर उसे बाहर निकाला। तस्कर दिनेश सिंह पहली बार पुलिस की गिरफ्त में आया है। पुलिस ने जब गाड़ी को खंगाला तो उसमें कई अधिकारियों और जज की नेम प्लेट और फर्जी आई कार्ड निकले। कार्रवाई जोधपुर पुलिस की है और तस्कर बालोतरा के कल्याणपुर टोल के पास बुधवार शाम को पकड़ा गया। डीसीपी गौरव यादव ने बताया कि दिनेश सिंह के खिलाफ 18 जून को हाउसिंग बोर्ड थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने कार को टक्कर मारने की शिकायत दी थी। इस पर 27 जून को पुलिस ने जब गिरफ्तार किया तो उसकी एसयूवी से फर्जी नेम प्लेट मिली थी। इसके बाद से दिनेश सिंह डीएसटी के रडार पर था। इस दौरान पुलिस को पता चला कि दिनेश सिंह डोडा पोस्त का बड़ा तस्कर है और आज दिन तक एनडीपीएस एक्ट में पकड़ा नहीं गया। पुलिस ने दिनेश सिंह को हिरासत में लेने की तैयार कर रखी थी कि बुधवार को इनपुट मिला कि दिनेश सिंह कुड़ी थाना क्षेत्र के झालामंड चौराहे की तरफ डोडा लेकर आ रहा है। इस पर नाकाबंदी करवाई गई।
आरोपी जब झालामंड की तरफ आया और उसे रुकने का इशारा किया तो वह रुका नहीं। इस दौरा उसने पुलिस की गाड़ी को टक्कर मार दी और पुलिसकर्मियों पर जीप चढ़ाने का प्रयास भी किया। कल्याणपुर टोल पर पुलिस ने गाडिय़ों और 5 से 6 ट्रक लगाकर घेराबंदी कर रखी थी।
कल्याणपुर टोल पर पुलिस ने गाडिय़ों और 5 से 6 ट्रक लगाकर घेराबंदी कर रखी थी।
यहां से पुलिस ने उसका पीछा करना शुरू किया। एसीपी बोरानाड़ा नरेंद्र सिंह देवड़ा ने बताया कि आरोपी पहले पाली की तरफ भागा लेकिन यहां से सालावास चला गया। इसके बाद सांगरिया फांटा, विवेक विहार और लूणावास से होते हुए बाड़मेर हाईवे की तरफ एसयूवी को घूमा लिया। यहां उसने गाड़ी को स्पीड में भगाना शुरू किया और बालोतरा की तरफ फरार होने लगा। इस बीच आरोपी ने फायरिंग भी की। इधर, पुलिस ने बालोतरा पुलिस को भी अलर्ट कर दिया था, जिसके बाद कल्याणपुर टोल पर 5 से 7 गाडिय़ां लगा ट्रकों को खड़ा किया गया। कल्याणपुर टोल पर आते ही पुलिस ने उसे घेर दिया। अपने आप को घेरा देख आरोपी ने एसयूवी में अपने आप को बंद कर दिया। पुलिसवालों ने जब उतरने का कहा तो वह बाहर नहीं आया। इस बीच सिविल ड्रेस में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने घेरा डाल उसकी एसयूवी पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। लाठियों से एसयूवी के शीशे तोड़े गए और आरोपी को बाहर निकाला गया।
आरोपी इतना शातिर, कभी जज बन जाता तो कभी एसबी ऑफिसर
दिनेश सिंह काफी शातिर निकला। डीसीपी ने बताया कि एसयूवी से फर्जी नेम प्लेट, आई कार्ड और पुलिस की वर्दी भी मिली है। पूछताछ में सामने आया कि वह इन्हीं फर्जी सामान के जरिए पुलिस से बच निकलता और तस्करी करता था। यदि कई बार पुलिस पूछताछ भी कर लेती तो गाड़ी में रखी या तो अपनी वर्दी बताता या फिर संबंधित थाने के एसएचओ का निक नेम लेकर पहचान बताता। कई बार वह अपने आप को जज और एसीबी का ऑफिसर भी बता चुका है। पूछताछ में उसने बताया कि वह कई बार अपने आप को एसआई थी बता चुका है। उसके पुलिसकर्मी होने पर कोई शक नहीं करे इसके लिए अलग-अलग फाइलें भी अपने पास रखता था।
पकडऩे के लिए 6 थानों की पुलिस जुटी
इस पूरी कार्रवाई में 6 थानों की पुलिस जुटी रही। इसमें पुलिस अधिकारी, डीएसटी टीम सहित 30 पुलिसकर्मी शामिल रहे। इस कार्रवाई के दौरान कुछ स्थानीय लोगों को भी पुलिस ने सूचना दी थी। इसके चलते उन्होंने भी कार का पीछा करना शुरू किया और अपडेट पुलिस को देते रहे। इ इधर, पुलिस कंट्रोल रूम से भी पूरी कार्रवाई की मॉनिटरिंग की जा रही थी। आरोपी के हर इनपुट के आधार पर पुलिस की टीमें पीछा कर रही थी।