


बीकानेर। एक तरफ देश में सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी भर्ती परीक्षाओं के जिम्मेदार लोगों की उदासीनता इसके विपरित है। कई बार सामने आया है कि भर्ती परीक्षाओं में विभागीय गलती के चलते परीक्षार्थियों को प्रवेश तक नहीं मिल पाता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें बीकानेर के लूनकरणसर गांव के तीन परीक्षार्थियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। जब लूनकरणसर गांव के तीन परीक्षार्थियों डीएलएल परीक्षा के पास प्रवेश पहुंचा तो इसमें स्कूल का नाम दिया गया लेकिन इसके जिले का विवरण नहीं दिया गया। जिसके चलते पूछताछ कर चुरू के राजकीय स्कूल पहुंचे तो वहां प्रवेश में लिखे पत्ते को नकार दिया और बीकानेर के घड़सीसर स्थित स्कूल पहुंचने के लिए कहा गया। ऐसे में परीक्षार्थी व उनके परिजनों प्रवेश की गुहार लगाते रहे और परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित रह गए।
यह है मामला
लूणकरणसर तहसील के अलग-अलग गांव से तीन पटीक्षार्थी डी एल एड एग्जाम से वंचित रह गए। सरिता पुत्री कालूराम रोल नंबर 80322596, सरिता दुगेश्वर पुत्री गोपाल राम रोल नंबर 80322619, सपना बिश्नोई पुत्री विजय पाल रोल नंबर 80322675 तीनों परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र पर जो पता लिखा था उस उसे पर पता राज किया उच्च माध्यमिक विद्यालय घडसीसर, घडसीसर रोड लिखा था। पर जिला नहीं लिखा हुआ था। उसे पते के मुताबिक तीनों छात्र पहुंच गए चूरू जिले के सरदार शहर तहसील के घडसीसर गांव के स्कूल में क्योंकि परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र में जिला नहीं लिखा हुआ था। वहां जाकर पता चला कि उनके रोल नंबर वहां पर नहीं है। यह रोल नंबर तो बीकानेर जिले के घडसीसर गांव में है। जब वहां के स्कूल के बाहर एक अध्यापक ने अधिकारी से बातचीत की जिले का नाम नहीं लिखने कारण परीक्षार्थी यहां पहुंच गए। तो उन्होंने कुछ संतोषजनक जवाब नहीं दिया।