ग्रामीणों की दबंगाई के आगे कैसे रूकेगी नहर से पानी चोरी?

Dead body of young man in canal, identification is not being done, thread is tied in hands
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बीकानेर। इन दिनों आईजीएनपी व पीएचईडी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए नहर से पानी चोरी जी का झंझाल बन चुकी है। इस क्षेत्र में लगातार हो रही पानी की चोरी की शिकायतों के बाद कार्रवाई में जहां एक तरफ ग्रामीणों की दबंगाई ने रोडा अटका दिया है तो वहीं कार्रवाई नहीं करने पर विभागीय कार्रवाई भुगतनी पड़ रही है। इस नहर में पानी चोरी रोकने के लिए बिना पुलिस जत्थे के जाना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे अभियंताओं के लिए स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर कानासर वितरिका में साइफन लगाकर पानी चोरी करने के एक मामले में आईजीएनपी के जेईएन और बेलदार को निलंबित कर दिया गया है। अभियंताओं ने इसका विरोध किया है। कानासर वितरिका में पिछले एक माह से काश्तकार साइफन लगाकर लगातार पानी चोरी करते रहे। इससे शोभासर जलाशय को पानी नहीं मिला और घरों में पेयजल सप्लाई नहीं होने के गंभीर हालात बन गए। पानी चोरी नहीं रोकनेे और लापरवाही मानते हुए आईजीएनपी के जेईएन आसूराम को निलंबित कर दिया गया है। अतिरिक्त मुख्य अभियंता योगेश कुमार मित्तल ने इसके आदेश जारी किए हैं। जेईएन के अलावा बेलदार कुशालाराम को भी निलंबित किया गया है। पानी चोरी मामले में निलंबन पर राजस्थान काउंसिल ऑफ डिप्लोमा इंजीनियर्स ने विरोध जताया है।
पुलिस सुरक्षा बिना पानी चोरी रोकना मुश्किल
अध्यक्ष बलराम जाखड़ और सचिव भगवानाराम का कहना है कि 36 किमी नहर पर पुलिसकर्मियों के बिना पानी चोरी रोकना अभियंताओं के लिए मुश्किल है।
कुछ दिनों पूर्व अभियंताओं पर हो चुका है हमला
कुछ दिनों पूर्व साइफन लगाकर पानी चोरी की शिकायत के बाद रात्रि गश्त पर निकली टीम पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया था। आईजीएनपी व पीएचईडी विभाग के एसई, एक्सईएन, एईएन व अन्य के साथ बदमाशों ने मारपीट की थी और पीछा किया था। ऐसे में जेईएन और बेलदार का निलंबन अनुचित है। इस संबंध में कलक्टर, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं और इंगांनप के अतिरिक्त अभियंता को ज्ञापन देकर चेतावनी दी गई है। सात दिन में दोनों को बहाल नहीं किया तो कार्य बहिष्कार किया जाएगा और कोई भी अभियंताओं नहर पर रात को गश्त नहीं करेगा।

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