


बीकानेर। इन दिनों शहर में आवारा पशु व कुत्तों ने जमकर आतंक मचा रखा है। हर गली-मोहल्ले में आवारा पशु व कुत्तों का झुंड मिल जाएगा। जिनकी वजह से आम-आदमी को शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ रही है। पीबीएम अस्पताल के जानकारों की मानें तो आवारा पशुओं से चोटिल होकर व कुत्तों के काटने से दो दर्जन से अधिक लोग हर रोज अस्पताल पहुंच रहे है। आज सुबह जोशीवाड़ा में एक दस वर्षीय बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। जब बच्चा चिल्लाया तो आसपास के लोगों ने दौडक़र कुत्तों से छुड़ाया। घटना एसबीआई बैंक के जोशीवाड़ा की है, जहां दस वर्षीय वंश आचार्य पुत्र मनीष आचार्य गली में खेल रहा था। इस दौरान एक कुत्ते ने उसका पैर पकड़ लिया और काट खाया। कुत्ते के काटने से बच्चे को गहरा घाव हो गया। परिजन उसे तुरंत पीबीएम अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उपचार करवाया। दरअसल, इन दिनों में शहर में जगह-जगह कुत्तों के झुंड देखने को मिल रहे है। जिनमें बदमाश व पागल प्रवृति के कुत्ते बच्चे व बुजुर्गों पर अटैक कर रहे है। हालांकि इनको पकडऩे से लेकर नसबंदी व टीकाकारण का जिम्मा नगर निगम के पास होता है, लेकिन बीकानेर में ऐसा कहीं नजर नहीं आ रहा। न इन कुत्तों को पकड़ा जा रहा है और न ही टीकाकरण व नसबंदी करवायी जा रही। यही कारण है कि शहर में इन दिनों आवारा कुत्तों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो आगामी दिनों यानि गर्मी के सीजन में और ज्यादा खतरनाक साबित होगी।
इसी तरह, आवारा पशुओं को लेकर भी यही हालात बने हुए है। ऐसी कोई गली, मौहल्ला व चौक-चौराहा नहीं है, जहां आवारा पशु नहीं मंडरा रहे हो। पिछले लंबे समय से निगम की ओर से आवारा पशुओं को पकडऩे का अभियान बंद पड़ा है, जिसके कारण पशुओं की संख्या में तेजी के साथ बढोतरी हुई है। सडक़ों पर सांड़ों की लड़ाई में लोग चोटिल हो रहे है। कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। छुड़ाने के बावजूद घंटों-घंटों सांड शांत नहीं होते, जिसके कारण आमजन अपने गंतव्य स्थान पर समय पर नहीं पहुंच जाता।