


बीकानेर। कोरोनाकाल के दौरान महामारी का प्रकोप देशभर में इस कदर बढ़ चुका है जिसका खामियाजा सभी वर्गों को भुगतना पड़ रहा है। जिसके चलते सभी कामकाज पिछले 3 माह से ठप पड़े है। छोटे से बड़े व्यापार, लघु उद्योगों व दुकानदारों को आर्थिक रूप से खासा नुकसान हुआ है जिससे किसी भी प्रकार के लोन की किस्ते एवं दुकानों के किराए तक भरने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई व्यापारियों ने अलर्ट भारत के संवाददाता को बताया कि पिछले तीन माह से कामकाज ठप पड़ा है। इस दौरान काफी व्यापारियों को आर्थिक रूप से हानि का सामना करना पड़ा है। व्यापारियों ने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार हर वर्ग के लिए राहत प्रदान कर रही है जिसमें व्यापारियों व दुकानदारों को अनदेखा किया जा रहा है। व्यापार में रोमेटिरिल के अलावा कर्मचारियों का वेतन बिना किसी कमाई के देना पड़ रहा है। वर्तमान में महामारी को देखते हुए यहीं स्थिति लंबे समय तक रहेगी। अब सवाल यह उठा है कि इस दौरान जो व्यापारी अपना व्यापार किराए पर (दुकान-बिल्डिंग) लेकर अपना व्यापार कर रहा हैं। उस स्थिति में क्या किया जाए? साथ ही उनको किराएदारों द्वारा किराए को लेकर परेशान भी किया जा रहा है। महामारी के चलते व्यापारियों को कई प्रकार की दिक्कते हो रही है। जो व्यापारी पिछले लम्बे समय एक ही व्यापार पर निर्भर है उन्हें इस कोरोनाकाल के दौरान दूसरा व्यापार करने के लिए साधन नहीं मिल रहा है। जो अपना व्यापार बैकों या और किसी अन्य साधनों के माध्यम से चला रहे हैं। वर्तमान में उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। इस स्थिति में व्यापारी क्या करें..?