“गुरू शरीर नहीं होता, गुरु तो होता ज्ञान है कहे हरदेव गुरु को देह समझना,भूल है अज्ञान है”

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बीकानेर। मनुष्य जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा होता है क्योंकि गुरु अपने शिष्य को ज्ञान की रोशनी प्रदान करके उसके जीवन के अंधकार को दूर करता है।कोई भी आत्मा गुरु से ज्ञान प्राप्त किए बगैर इस संसार सागर को पार नहीं कर सकती। यह उद्गार जयपुर रोड स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित हुए जोनल लेवल बाल समागम कि अध्यक्षता करते हुए श्री गंगानगर से पधारे संयोजक महात्मा मदन सिंह जी ने व्यक्त किए।बाल समागम में जैसलमेर,खाजूवाला, मेड़ता, नागौर ,नोखा, श्री डूंगरगढ़ छतरगढ़ नाल आदि ब्रांचों से बड़ी संख्या में बाल भक्तों ने शिरकत की। बीकानेर की गुंजन एंड पार्टी के द्वारा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। मेड़ता से सौरभ एंड पार्टी द्वारा लघु नाटिका का मंचन किया गया।वहीं बीकानेर की मन्नत एवम माधव ने क्रमश इंग्लिश एवम हिंदी स्पीच से मानवीय गुणों को जीवन में अपनाने पर बल दिया।बाल संगत की इंचार्ज बहन ममता गक्खड़ ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। बीकानेर जोन की जोनल इंचार्ज डा संध्या सक्सेना ने कहा कि सत्संग से जुड़कर बच्चों की आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग तो प्रशस्त होता ही है साथ ही साथ बच्चो के आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है जिससे उनके जीवन से निराशा का भाव सदा के लिए समाप्त हो जाता है।समागम को सफल बनाने में सेवादल के सभी सदस्यों का भरपूर सहयोग रहा। मंच संचालन हिमांशु एवम वर्षा ने किया।

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