


बीकानेर। बोनस और डीए के अलावा इस दिवाली राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक और गुड न्यूज दे दी है। जिसका ऐलान कर दिया गया है। मामला प्रमोशन और पोस्टिंग से जुड़ा हुआ है। दरअसल हाल ही में राजस्थान के कार्मिक विभाग ने कर्मचारियों के लिए एक जरूरी आदेश जारी किया गया है, जिसमें परिनिंदा के दंड के प्रभाव को कम किया गया है। दरअसल पहले यदि किसी कर्मचारी को अनुशासनहीनता के कारण दंड मिलता था, तो उसकी पदोन्नति यानी प्रमोशन को एक वर्ष के लिए रोक दिया जाता था, यह नियम वर्ष 2006 और 2008 में जारी आदेशों के अनुसार लागू किया गया था, लेकिन अब सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दे दी है। नए आदेश में संशोधन किया गया है। अब कार्मिक विभाग परिनिंदा के दंड के कारण कर्मचारियों की पदोन्नति में कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। इसका मतलब है कि अब कर्मचारी अपनी अनुशासनहीनता के बावजूद, पदोन्नति के लिए पात्र माने जाएंगे। यह संशोधन कर्मचारियों के लिए राहत भरा है। वहीं उनकी मानसिक चिंताओं को भी कम करेगा। उम्मीद की जा रही है कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। यदि वर्ष 2024-25 की पदोन्नति प्रक्रिया यानी डीपीसी अभी बाकी है, तो यह नया नियम उस पर भी मान्य होगा। हालांकि, जो बकाया पदोन्नति प्रक्रियाएँ या रिव्यू डीपीसी पहले से निर्धारित हैं, उनके लिए पूर्व के नियम ही लागू रहेंगे। यानी परिनिंदा के कारण इन प्रक्रियाओं में पदोन्नति को एक वर्ष के लिए टाल दिया जाएगा। इस निर्णय पर खुशी जताते हुए अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ और राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र सिंह नरूका ने कार्मिक विभाग को आभआर प्रकट किया है। उन्होंने इस बदलाव को कर्मचारियों के हित में एक सकारात्मक कदम बताया है।