


बीकानेर।. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी अब बॉर्डर इलाके के लोगों को निशाना बना रही है. पाकिस्तान से अब एक गंभीर साइबर जासूसी करने का प्रयास हो रहा है. अब बॉर्डर एरिया के इलाको में लोगों के पास पाकिस्तान से फेक कॉल आ रहे है. ऐसे में लोग पुलिस को इसकी सूचना दे रहे है और पुलिस इसकी जांच में लगी है. जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक ऑपरेटिव द्वारा भारतीय मोबाइल नंबर 73*******2 का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो खुद को भारतीय सेना या वायुसेना का अधिकारी बताकर भारतीय पत्रकारों और नागरिकों से संपर्क कर रहा है. इसका उद्देश्य है ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित संवेदनशील सूचनाएं हासिल करना है. जैसे कि सेना की मूवमेंट, एयर स्ट्राइक की जानकारी, और परमाणु घटनाक्रम से जुड़ी जानकारियाँ मांग रहे है. सीओ खाजूवाला अमरजीत चावला ने बताया कि यह सही है कि लोगों के पास फेक कॉल आ रही है. इस फेक के कॉल के माध्यम से सेना संबंधी और बॉर्डर संबंधित जानकारी मांगी जा रही है. ऐसे में आम लोगों से यही अपील है कि इस तरह की फेक कॉल आती है तो तुरंत पुलिस को सूचना करें. इस फेक कॉल पर किसी भी तरह की कोई सूचना साझा नहीं करे।
कैसे हो रहा है जासूसी प्रयास?
कॉल्स में खुद को रक्षा विभाग का अधिकारी बताकर भरोसा जीतने की कोशिश होती है.
व्हाट्सएप के जरिए फर्जी दस्तावेज़ और आईडी भेजे जाते हैं.
पत्रकारों और रक्षा विशेषज्ञों को लक्ष्य बनाया जा रहा है, विशेषकर वे जो डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं.
सरकार का अलर्ट और चेतावनी
रक्षा मंत्रालय और साइबर एजेंसियों ने सभी रक्षा संवाददाताओं और विश्लेषकों को सतर्क रहने को कहा है.
पीआरओ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी असामान्य संपर्क को गंभीरता से लें।
गृह मंत्रालय जल्द ही इस विषय में सार्वजनिक चेतावनी जारी कर सकता है.
सावधान रहने के लिए सुझाव:
1. अनजान नंबर से आए कॉल को न उठाएं.
2. कोई भी जानकारी साझा करने से पहले सरकारी स्रोत से पुष्टि करें.
3. संदिग्ध नंबर की शिकायत नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में करें.
4. रक्षा रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।