


बीकानेर, 2 जुलाई – खाजूवाला के गांव माधोडिग्गी (चक 14 डीकेड़ी) में 13 वर्षीय प्रियांशु मेघवाल के साथ हुई एक भयावह दुर्घटना ने न सिर्फ उसके परिवार को झकझोर दिया, बल्कि एक नई उम्मीद और जज़्बे की कहानी भी रच दी। चारा काटने की मशीन में हाथ आ जाने से प्रियांशु का पंजा पूरी तरह कटकर अलग हो गया था। हादसा 29 जून को शाम 5:30 बजे हुआ। परिवार ने घबराने के बजाय साहस दिखाया और बच्ची को तुरंत खाजूवाला उप जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉ. पूनाराम रोझ ने बिना समय गंवाए कटा हुआ पंजा आइसबॉक्स में सुरक्षित किया और बच्ची को जोधपुर एम्स के लिए रेफर कर दिया। 400 किमी का सफर महज 4.5 घंटे में पूरा कर प्राइवेट 108 एंबुलेंस के ड्राइवर ईमाम हुसैन ने दूसरा चमत्कार किया। जोधपुर एम्स में डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे तक माइक्रो सर्जरी की। सर्जरी सफल रही, और 1 जुलाई को बच्ची के हाथ में हरकत देखी गई, जो ऑपरेशन की सफलता का संकेत था। डॉ. पूनाराम के अनुसार यदि कटा हुआ अंग 6 घंटे के भीतर सुरक्षित रूप में पहुंच जाए तो उसे जोड़ने की 80–90% संभावना रहती है।