शेष रहे किसानों को फसल खराबे का बीमा कम्पनी भुगतान करे- मेहता

Proper use of oxygen in winter, make arrangements: Mehta
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बीकानेर। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि जिन काश्तकारों द्वारा फसल बीमा करवाया जाता है और बीमा राशि के.सी.सी. के माध्यम से अथवा काश्तकार द्वारा नगद जमा करवा दी जाती है, तो फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान समय पर मिल जाए, इसके लिए कृषि विभाग, बीमा कंपनी और बैंक अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें। मुआवजे के लिए काश्तकार को चक्कर ना निकालना पड़े यह सुनिश्चित किया जाए। इस कार्य में जिस स्तर पर भी कोताही बरती जाएगी संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मेहता गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि विभाग व बीमा कंपनियों के अधिकारी और बैंक अधिकारियों के साथ जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने बीमा और बैंक अधिकारियों से कहा कि खरीफ 2018 में जिन काश्तकारों को भुगतान होना शेष रह गया है, उनका भुगतान शीघ्र करने की कार्रवाई की जाए। खरीफ 2018 में करीब 245 करोड रुपए का भुगतान होना है, यह एक बड़ी राशि है, ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि वे व्यक्तिगत रुचि लेकर काश्तकारों को भुगतान की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सभी शेष रहे काश्तकारों को भुगतान हो जाए, इसके लिए पोर्टल पर उनके नाम सहित अन्य सूचना अपलोड करवाने के लिए पोर्टल को री-ओपन करवाने के लिए राज्य सरकार स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। जिला कलक्टर ने कहा कि जिन बैंकों के शाखा प्रबंधकों द्वारा पोर्टल पर सूचना दर्ज करने में देरी की गई है, अब उन सब की सूची बनाकर प्रस्तुत की जाए ताकि सभी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए लिखा जाए। उन्होंने कहा कि कुछ प्रकरणों में यह भी सामने आया है कि काश्तकार का पैसा तो कट गया, मगर आधार कार्ड और केसीसी तथा बैंक खाता तीनों आपस में मैच नहीं कर रहे हैं, आधार कार्ड की समस्त सूचनाए अपडेट और बिना गलती के इंद्राज करने की जिम्मेदारी बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की है। अत: भविष्य में बीमा करते समय सभी सूचनाएं सही और व्यवस्थित रूप से ऑनलाइन इंद्राज की जाए। उन्होंने कहा कि जिस काश्तकार का प्रीमियम कटा है उसे फसल खराबे के समय भुगतान हो यह न्याससंगत बात है। जिला कलक्टर ने कहा कि अगर किसी काश्तकार द्वारा बे-मौसम वर्षा तथा अन्य प्राकृतिक आपदा के लिए बीमा करवाया जाता है और तकनीकी कारण या किसी अन्य खामी के कारण बीमा नहीं होता है तो ऐसे में उस पात्र व्यक्ति को उसका बीमा प्रीमियम राशि का पैसा वापस उसके बैंक खाते में जमा करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि सूची बनाई जाए कि इश्योंरेंस कम्पनी अथवा बैंक द्वारा कितने काश्तकारों को प्रीमियम का भुगतान नहीं हुआ है, इसमें बैंक स्तर पर अथवा बीमा कम्पनी स्तर पर जहां भी गलती हुई है सम्बििन्धत संस्था पर पैनल्टी लगाने की कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इंश्योरेंस कम्पनी और सरकार के मध्य जो एमओयू हुआ था उसका अध्ययन कर पैनल्टी के प्रावधानों के अनुसार शास्ती लगाई जाए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच.गौरी, कृषि विभाग, बैंक एवं इंश्योरेंस कम्पनी के अधिकारी उपस्थित थे।

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