


नागौर। नागौर में दो युवकों ने गैंगरेप के बाद नाबालिग दलित लड़की को एक होटल किनारे सड़क पर फेंक दिया। घटना के बाद पीडि़ता की मां उसे लेकर थाने पहुंची, लेकिन यहां भी मामला दर्ज करने के बजाय दोनों को घर भेज दिया गया। 7 घंटे बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। पीडि़ता की मां ने आरोप लगाया कि थाने में शिकायत करने के बाद पुलिस प्राइवेट वाहन में घर पर आ गई और मामले को रफा-दफा करने का प्रयास शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी मीठड़ी के पूर्व सरपंच लोकेन्द्र सिंह और समाजसेवियों को लगी तो उन्होंने वहां पहुंचकर पुलिस पर दबाव बनाया। आखिर बुधवार देर रात एक बजे पुलिस को केस दर्ज करना पड़ा। नाबालिग बुधवार शाम 5 बजे होटल किनारे सड़क पर मिली थी। मामला दर्ज होने के बाद गुरुवार तड़के 3 बजे पीडि़ता का मेडिकल कराया गया है। फिलहाल एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। कुचामन सर्किल इंस्पेक्टर रामवीर जाखड़ ने बताया कि 17 साल की नाबालिग पीडि़ता की मां ने शिकायत की है कि उसकी बेटी सुबह 10 बजे कुचामन गई हुई थी। वहां उसे दो युवकों ने जबरदस्ती अपनी कार में बैठा लिया। इसके बाद उसे कोई नशीली चीज खिलाकर बेहोश कर कार में पीछे वाली सीट पर पटक दिया। दोनों आरोपियों ने उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। फिर देर शाम 5 उसे कुचामन स्थित रेनबो होटल के बाहर सड़क पर लहूलुहान हालत में पटक कर भाग गए। पीडि़ता लोगों से मदद मांगकर घर पहुंची। देर शाम किसी अज्ञात नंबर से पीडि़ता के भाई को फोन आया। उसे मामले की रिपोर्ट पुलिस में करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। फोन करने वाले ने कहा कि उसकी बहन के कई अश्लील फोटो-वीडियो हैं। शिकायत की गई तो सभी जगह सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देगा।