


बीकानेर। एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपने घर में कुर्सी पर बैठकर खुद की छाती पर गोली मारने का मामला सामने आया है। परिजनों को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें तहसीलदार और एक अन्य व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीनियर एडवोकेट कुछ दिन पहले अपने काम के लिए तहसीलदार के पास गए थे। काम नहीं होने से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया। यह मामला बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर जिले के श्रीकरणपुर तहसील के गांव पंाचओ का है। जानकारी के अनुसार एडवोकेट सुरेंद्रपाल सिंह (66) ने पिछले 40 साल तक श्रीकरणपुर इलाके में वकालत की थी। वे श्रीकरणपुर के एडीजे कोर्ट में दो बार एपीपी भी रह चुके थे। बुधवार शाम सुरेंद्रपाल सिंह के पड़ोस में सुखमणी साहिब का पाठ था। परिवार के लोग वहां गए थे। इस दौरान वकील सुरेंद्रपाल सिंह ने कुर्सी पर बैठकर लाइसेंसी बंदूक से खुद को सामने से गोली मार ली। उनकी पत्नी और भाई गांव में ही हैं। बेटा कनाडा रह रहा है।
काम नहीं होने से थे परेशान
जानकारी के अनुसार सुरेंद्रपाल सिंह ने अपने रिश्तेदार के किसी काम के लिए पिछले महीने श्रीकरणपुर तहसील में आवेदन किया था। इस काम में देरी के कारण वे परेशान थे। उनके पास मिले सुसाइड नोट में तहसीलदार और सत्ती नाम के एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया गया है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस के उच्च अधिकारी और श्रीगंगानगर बार संघ अध्यक्ष सीताराम बिश्नोई सहित कई लोग मौके पर पहुंचे। देर रात इस मामले में तहसीलदार और सत्ती नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ आत्महत्या दुष्प्रेरण का मामला दर्ज किया गया। मामले में तहसीलदार सुभाषचंद्र शर्मा का कहना है कि सुरेंद्रपाल सिंह करीब सवा महीने पहले उनके पास किसी परिचित का कोई काम लेकर आए थे। उसके बाद उनसे मिलना नहीं हुआ। कुछ दिन पहले उनका यह काम कर दिया गया।