


बीकानेर। राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में मकानों की पार्किंग के नियम संशोधित किए गए हैं। 2020 से अब तक इनमें तीन बार संशोधन किया जा चुका है। अब 90 वर्गमीटर तक के भूखंडों के लिए कार पार्किंग जरूरी नहीं होगी लेकिन 91 से 225 वर्गमीटर तक के भूखंडों में सिंगल स्टोरी निर्माण पर एक कार की पार्किंग रखनी होगी। ऐसा नहीं करने पर संबंधित निकाय के पार्किंग प्रावधान के अनुसार कार्रवाई होगी। यदि कोई भूखंड की साइज 112.5 वर्गगज से बड़ी है और उस पर प्रथम मंजिल पर भी पूरा निर्माण कर रखा है या द्वितीय मंजिल भी चढ़ा रखी है तो उसकी कुल बिल्डअप एरिया की गणना का क्षेत्रफल 225 वर्गमीटर से अधिक होने के कारण उनके लिए एक कार पार्किंग आवश्यक होगी। इसके बाद जैसे-जैसे मंजिलें बढ़ेंगी, कार पार्किंग स्पेस उसी अनुपात में बढ़ानी होगी। 225 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों के लिए तय पार्किंग की जगह पर 75 फीसदी में कार की और 25 फीसदी में दोपहिया वाहनों की पार्किंग रखनी होगी। नगरीय विकास विभाग की तरफ से जेडीए जयपुर, जोधपुर विकास प्राधिकरण, अजमेर विकास प्राधिकरण, 14 यूआईटी वाले बड़े शहरों के लिए ये नियम लागू किए हैं।
90 मीटर तक स्कूटर पार्किंग जरूरी
90 वर्गमीटर (111 वर्ग गज) तक के भूखंड पर स्कूटर पार्किंग का स्पेस छोडऩा अनिवार्य होगा, कार पार्किंग की जरूरत नहीं रहेगी। 90 वर्ग मीटर से बड़े और 225 वर्ग मीटर तक के भूखंड पर एक कार पार्किंग देनी होगी। स्वतंत्र आवास के भूखंडों में एक के पीछे एक कार पार्किंग की अनुमित मिल सकेगी, आगंतुक के लिए कार पार्किंग रखनी जरूरी नहीं होगी।
60 फीट चौड़ी सडक़ पर बन सकेंगे कोचिंग सेंटर
फ्लैट निर्माण न्यूनतम 750 वर्गमीटर के प्लॉट व कम से कम 12 मीटर चौड़ी सडक़ पर हो सकेगा। 8 से अधिक फ्लैट वाली इमारत बहुमंजिला होगी। कोचिंग सेंटर निर्माण के लिए बड़े शहरों में सडक़ न्यूनतम 60 फीट, छोटे शहरों में 40 फीट चौड़ी हो। कोचिंग संस्थान निर्माण के लिए भूखंड न्यूनतम 300 वर्गमीटर जरूरी। बहुमंजिला इमारतों सडक़ की न्यूनतम 40 फीट चौड़ी जरूरी।
ये नियम पहले से ही… 90 वर्गमीटर तक के भूखंडों के लिए ग्राउंड+2, 225 वर्गमीटर तक के भूखंडों के लिए ग्राउंड+3 और 350 से 500 वर्गमीटर तक के भूखंड के लिए ऊंचाई 18 मीटर तक की जा सकती है।