कोरोना को हल्का लेना पड़ा भारी, सुने मरीज की जुबानी

Corona had to take light, listened to patient
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बीकानेर। कोरोना को हल्के में लिया और घर पर ही इलाज करवाया, तो हालत बिगड़ती गई। गंभीर स्थिति में कोविड हॉस्पिटल पहुंचे। वहां के डॉक्टरों ने बचा लिया, नहीं तो ना जाने क्या होता? यह कहना है सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के सेवानिवृत्त मुख्य प्रबंधक देवी सिंह शेखावत का। कैलाश पुरी क्षेत्र में रहने वाले शेखावत ने बताया कि 24 अक्टूबर को उन्हें बुखार आया, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। तबीयत बिगडऩे लगी तो कोरोना जांच करवाई और रिपोर्ट में पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद भी घर पर इलाज करवाता रहा, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति गंभीर होने लगी। लोगों की बातें सुनने से मन में पीबीएम अस्पताल की व्यवस्थाओं के प्रति संशय था और डर भी। इस दौरान घर के पास ही रहने वाले पीबीएम अस्पताल के कर्मचारी ने उन्हें वहां की बेहतरीन सुविधाओं का विश्वास दिलाया और अंतत: उसकी सलाह पर 4 नवंबर को कोविड अस्पताल में भर्ती हुए। शेखावत ने बताया कि पीबीएम अस्पताल की व्यवस्थाएं सुनी-सुनाई बातों की तुलना में कई गुना अच्छी थी। वहां के डॉक्टरों ने उनका बेहतरीन उपचार किया। मरीजों के प्रति उनका व्यवहार अच्छा था। रात को 12 बजे भी फोन करने पर रेसपोंस भी मिला और डॉक्टर आए भी। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के समर्पण भाव के कारण बच गए, अन्यथा क्या होता पता नहीं? राहत की सांस लेते हुए उन्होंने कहा, ‘आज वह स्वस्थ हैं, इसका पूरा श्रेय पीबीएम अस्पताल को है।Ó

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