जगह बदल-बदल कर चलती गाडिय़ों में लग रहे करोड़ों के दांव!

Crores of rupees are being wagered on vehicles moving from one place to another!
Spread the love

बीकानेर में आईपीएल सीजन में सटोरियों की बल्ले-बल्ले, पंटरों के करोड़ों रुपये डूबे!
बीकानेर। आईपीएल के सीजन के विदेशों से लेकर बीकानेर तक सट्टे का कारोबार हो रहा है। बीकानेर सट्टे का बड़ा हब बना हुआ है जहां इस सीजन में करीब 400 करोड़ रुपये का सट्टा हो चुका है लेकिन पुलिस अभी भी इन सटोरियों पर कार्यवाही के नाम पर हाथ मार रही है। अगर बात करें पुलिस की तो बीकानेर में क्रिकेट सट्टा जगत के तमाम बुकीज की कुण्डली यहां पुलिस के पास मौजूद है, इनमें शोलापुर सिंडीकेट से जुड़े बुकी भी शामिल है। पुलिस ने इनके खिलाफ बड़ी कार्यवाही करने के पूरे इंतजाम कर लिये है। इसके लिए बीकानेर एसपी कावेन्द्र सिंह सागर ने विशेष टीम का गठन कर उसे क्रिकेट बुकियों के ठिकानों का पता लगाकर कार्यवाही के निर्देश दे रखे है, लेकिन राजनेताओं व रसूखदारनेताओं का संरक्षण होने के कारण पुलिस इन बुकियों के खिलाफ कार्यवाही को अंजाम नही ंदे रही है। इसके अलावा कई थानों के थानेदारों ने भी बुकियों के साथ सेंटिग कर रखी है।
बीकानेर आईपीएल सीजन में क्रिकेट सट्टेबाजी के हब बने बीकानेर के बुकी यहां पुलिस पर भारी पड़ते दिख रहे है। पांच दिन पहले शुरू हुई आईपीएल श्रृंखला के अब तक हुए मैचों में बीकानेर के क्रिकेट सट्टा जगत में चार सौ करोड़ से ज्यादा का सट्टा लग चुका है, लेकिन बीकानेर पुलिस क्रिकेट सट्टा जगत के बड़े बुकियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर पाई है रोजाना होने वाले इस श्रृंखला के मैचों पर शुरू की बॉल से अन्तिम बॉल व हार-जीत पर करोड़ों का सट्टा लग रहा है। जिसका लेन-देन स्थानीय लोगों को सट्टोरियों के ठिकानों पर नगद व हवाला के जरिए से हो रहा है। हालांकि एसपी कावेन्द्र सिंह सागर यहां क्रिकेट सट्टोरियों को पकडऩे का पूरा प्रयास कर रहे है। मगर लगता है सटोरियों की जड़ इतनी मजबूत है कि पुलिस इन बुकियों तक नहीं पहुंच रहे नहीं तो पुलिस अधीक्षक सख्त चेतावनी के बाद भी सट्टे का अवैध कारोबार चरम पर चल रहा है। आईपीएल के इस सीजन में भी गोपनीय जगहों पर अपने ठिकाने बना कर करोड़ो की सौदेबाजी का काला कारोबार कर रहे है। इनमें से एक भी ठिकाने का पर्दाफाश करने में पुलिस को अभी तक सफलता नहीं मिली है। हैरानी की बात तो यह है कि बीकानेर पुलिस की साईबर क्राईम टीम यहां साईबर क्राईम की अंतरर्राष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश कर चुकी है, लेकिन बीकानेर के क्रिकेट सट्टा बुकियों के नेटवर्क को भेद पाना पुलिस ने अभी चुनौती बना हुआ है। हांलाकि क्रिकेट बुकियों के ठिकानों का पता लगाकर पुलिस कार्यप्रणाली पर संदेह की ऊंगलियां उठने लगी है।
टीवी से भी तेज हैं बुकियों का नेटवर्क आमतौर पर टीवी पर मैच देखने वालों को यह लगता है कि वहां मैदान में शॉट लगते ही कि टीवी परनजर आ जाता है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं होता है। प्रसारण संबंधी तकनीकी कारणों से ग्राउंड और टीवी के शॉट में एक गेंद का अंतर आ जाता है और यही एक गेंद क्रिकेट बुकियों के लिए मुनाफे का जरिया बनती है। क्योंकि बुकी का एक आदमी सीधे ग्राउंड से हर गेंद की जानकारी तत्काल अपडेट करता है और यहां भाव बदल जाते हैं। दूसरा अपडेट सटोरिए इंटरनेट से भी लेते हैं। मार्केट में कुछ ऐसे एप हैं जो टीवी से पहले हर गेंद का अपडेट दे देते हैं। इन्हीं के माध्यम से भाव की दिशा तय हो जाती है।
होटलों और फार्म हाउसों में बना रखे है महफूज ठिकाने
जानकारी के अनुसार बीकानेर क्रिकेट सट्टा जगत के नामी बुकियों ने आईपीएल के इस सीजन में शहर की नामी होटलों और शहर के नजदीक लगते फार्म हाउसों में ठिकाने बना रखे है। इन ठिकानों से क्रिकेट सट्टेबाजी का कारोबार हाईटेक अंदाज में चलाया जा रहा है तथा मैच में भावों के लिए एक वेबसाइट का सहारा भी लिया जा रहा है। बीकानेर के क्रिकेट सट्टा जगत से जुड़ी ताजा खबर यह है कि आईपीएल सीजन के अब तक हुए मैचों में भारी उलटफेर के बावजूद सारे सौदे अब तक बुकियों के लिये फायदेमंद तथा पंटरों को डूबने वाले साबित हुए है।
शहर के इन थाना क्षेत्रों में सटोरियों के प्रमुख अड्डे
कोतवाली, सदर थाना, जयनारायण व्यास कॉलोनी, नयाशहर, मुक्ताप्रसाद इन थाना क्षेत्रों में सटोरियों ने अपने प्रमुख गुप्त अड्डे बना रखे है जहां से अपना कारोबार चला रहे है।
ऑनलाइन सट्टा गाड़ी, कारों में
अगर बात करें ऑनलाइन आईपीएल के सट्टे तो बीकानेर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में सट्टेबाजों कारों व गाडिय़ों में बैठकर अपना सट्टेबाजी का कारोबार चल रहा है जिससे पुलिस को पकडऩे में परेशानी हो रही है। जबकि पुलिस को इतनी जानकारी है बीकानेर का प्रमुख सट्टेबाज कौन है और उसके तार कहां कहां से जुडे है। फिर भी एक भी कार्यवाही नहीं हुई है।
कोड वर्ड से करोड़ों का लेनदेन
डिब्बा पर ही हर बॉल का रेट बताया जाता है. पूरे आईपीएल के दौरान डिब्बे का कनेक्शन ढाई से 3 हजार में मिलता है. डिब्बे का कनेक्शन एक खास नंबर होता है, जिसे डायल करते ही उस नंबर पर कमेंट्री शुरू हो जाती है. आईपीएल मैच में सट्टा 2 सेशन में लगता है. दोनों सेशन 10-10 ओवर के होते हैं. सेशन एक पैसे का है, ‘मैने चव्वनी खा ली है डिब्बे की आवाज कितनी है तेरे पास कितने लाइन है, आज फेवरेट कौन है, लाइन को लंबी पारी चाहिए. कहने को ये सिर्फ चंद ऊटपंटाग अल्फाज लगें, लेकिन इनके बोलने में करोड़ों का लेनदेन हो रहा है।
कैसे तय होता है रेट
डिब्बे पर अगर किसी टीम को फेवरेट मानकर डिब्बा उसका रेट 80-83 आता है तो इसका मतलब यह है कि फेवरेट टीम पर 80 लगाओगे तो 1 लाख रुपए मिलेंगे और दूसरी टीम पर 83 लगाओगे तो 1 लाख रुपए मिलेंगे. आईपीएल पर सट्टे बाजार में करोड़ों का सट्टा लगता है. सट्टे के खेल में स्टूडेंट्स को ज्यादा शामिल किया जाता है. आईपीएल मैच शुरू होने से पहले ही सभी टीमों के रेट जारी कर दिए जाते हैं. साथ ही टॉप टू प्लेयर भी घोषित किए जाते हैं. हालांकि, भाव लगातार बदलता रहता है.
क्या होता रेट का कोड वर्ड!
मैच की पहली गेंद से लेकर टीम की जीत तक भाव चढ़ते-उतरते हैं. एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है. जीत तक भाव चढ़ते उतरते हैं. एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है. अगर किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को च्मैंने चवन्नी खा ली कहना होता है।

 

Load More Related Articles
Load More By alertbharat
Load More In बीकानेर
Comments are closed.