


बीकानेर। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में अब नया मोड़ आ गया है। अब एक महिला डॉक्टर ने भी दवा स्टॉकिस्ट मित्तल फार्मा के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है। आरोप लगाया गया है कि उनके पति पर फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर का दबाव बनाया जा रहा है। एफआईआर दर्ज कराने वाली डॉ. कल्पना डागा है जिनके पति डॉ. धनपत डागा ने पिछले दिनों सदर थाने में इसी मामले की पूछताछ के लिए बुलाये जाने पर तनाव में आकर अपने हाथ की नसें काट ली थी। कोटगेट पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। इसी मामले में एसओजी ने बुधवार को तीन स्टॉकिस्ट्स को गिरफ्तार किया था। कोटगेट थाने में बुधवार को डॉक्टर कल्पना डागा ने मित्तल फार्मा एजेंसी के मालिक कांति मित्तल के खिलाफ एक मामला दर्ज कराया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद उसके पति के नाम से बताई गई, जबकि उसने कोई इंजेक्शन खरीदा ही नहीं था। फर्जी बिल बनाकर उनके घर भेज दिए गए। यह दबाव बनाया गया कि उनके पति डॉ. धनपत डागा इन पर हस्ताक्षर कर दें। यह बिल बेक डेट्स में बनाए गए थे और पूरी तरह फर्जी थे। डॉ. कल्पना का आरोप है कि उनके पति कभी ये इंजेक्शन मंगवाये ही नहीं थे। ये भी आरोप लगाया कि उनके पति को बार-बार धमकाया जा रहा है कि अगर बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए तो अंजाम बुरा होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों डॉ. धनपत डागा को सदर पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान वो इतने तनाव में आ गए थे कि अपने एक हाथ की नसें काट ली। उन्हें तुरंत पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर ले जाया गया। उधर, मित्तल फार्मा के संचालक के साथ उनकी बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उन पर इंजेक्शन खरीद के बारे में बातचीत हो रही है।
पहले से दर्ज है मामला
रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सबसे ज्यादा गाज मित्तल फार्मा एजेंसी पर ही गिरी है। सबसे पहले सदर पुलिस ने एक मामला दर्ज किया, जिसमें इस फर्म से पूछताछ हो रही है। इसके बाद एसओजी ने मामला दर्ज किया, जिसमें तीन गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें मित्तल फर्मा के विजय मित्तल, प्रदीप मित्तल और मित्त्ल ड्रग एजेंसी के अनुज मित्तल को गिरफ्तार किया जा चुका है।