कोरोनाकाल में परीक्षाएं आयोजित कराना सुरक्षित नहीं

Examinations in the coronary proved fatal for the students
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बीकानेर। कोरोना वैश्विक महामारी के चलते परीक्षाएं आयोजित करवाना विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकता है। इन परिस्थितियों के अनुरूप परीक्षाएं अनुकूल नहीं है। ऐसे हालातों में परीक्षाएं विद्यार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से कतई सही नहीं है। यह बात एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकणा ने कही। अवसर था परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों को होने वाले परेशानियों के सम्बन्ध में उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी को ज्ञापन देने का। इस दौरान कूकणा ने मंत्री भंवरसिंह को अवगत कराया कि पूर्व में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी। वर्तमान समय में कोरोना का प्रकोप कम होने के बजाय बढऩे लगा है ऐसे में परीक्षाएं करवाना उचित समय नहीं है। कूकणा ने ज्ञापन के माध्यम से शिक्षा मंत्री से विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करते हुए विगत कक्षा में10 प्रतिशत की वृद्धि करके आगामी कक्षा में प्रवेश देने, दूर-दराज के क्षेत्रों से अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के कमरों एवं छात्रावास का किराया माफ करने व आगामी सत्र में विद्यार्थियों का प्रवेश नि:शुल्क करने की मांग की है। राजकीय डूंगर महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष कृष्णकुमार गोदारा ने बताया मंत्री भंवरसिंह ने विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं विकट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए फैसला लेने का आश्वासन दिया।

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