


बीकानेर। नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने भाजपा संभाग कार्यालय बीकानेर में राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा में 23,309 मेगावाट विद्युत क्षमता के साथ राजस्थान को विद्युत की दृष्टि से आत्मनिर्भर करने की घोषणा करने वाली , 6 बार विद्युत की दरों में वृद्धि करने वाली तथा साढ़े 4 वर्ष तक औसतन 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूलने वाली सरकार द्वारा 100 यूनिट प्रतिमाह फ्री बिजली व फ्यूल सरचार्ज माफ करने की घोषणा के जिसमें 76 लाख मुख्यमंत्री गारंटी कार्ड का महंगाई राहत कैंप में वितरण करके 1.39 करोड़ मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास किया गया, का असली चेहरा अब सामने आ गया है।
बिश्नोई ने कहा कि जहां विगत 2 माह के अब जारी बिजली के बिल में औसतन 20 से 30: की बढ़ोतरी हुई वहीं अब शहरी क्षेत्रों में औसतन 5 घंटे व ग्रामीण क्षेत्रों में 7 घंटे की विद्युत कटौती ने अंधेर नगरी चैपट राजा की कहावत को सही साबित कर दिया है।
बिश्नोई ने कहा कि विद्युत की कमी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी जिला स्तरध्उपखंड स्तर व जीएसएस पर विरोध प्रदर्शन करेगी तथा जीएसएस पर काले झंडे लगाकर सांकेतिक धरना देगी और भाजपा का युवा मोर्चा, किसान मोर्चा व महिला मोर्चा विद्युत कटौती पर लालटेन टॉर्च मार्च निकालकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
बिश्नोई ने कहा कि भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की ओर से केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण ने 20वीं विद्युत शक्ति सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी कि जिसमें 2022-23 से 2031-32 तक की विद्युत डिमांड सप्लाई का पूर्वानुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में इस बार पीक आवर्स में बिजली डिमांड के रिकॉर्ड तोड़ेगी लेकिन सरकार ने इस चेतावनी को भी हल्के में लिया और अपने विद्युत के कुप्रबंधन पर कोई ध्यान नहीं दिया। बिश्नोई ने कहा कि राज्य में कोयले की धुलाई में भी जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। कोयले के अतिरिक्त कोल ब्रिज लिंकेज के बहाने विभिन्न निजी कोयला उत्पादन कंपनियों से विद्युत उत्पादन निगम पूर्व में आवंटित कोल ब्लॉकों से 40ः अधिक महंगी दर पर खरीदकर उसकी धुलाई के नाम पर वाशरी ऑपरेटरों के साथ मिलीभगत कर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहा है। बिश्नोई ने कहा कि किसानों के कृषि कनेक्शन दिये जाने के बहाने भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा टर्नकी प्रोजेक्ट में 1600 करोड़ का गड़बड़झाला हुआ। 2300 करोड़ का वर्क ऑर्डर डिस्कॉम ने 3900 करोड़ रुपये का कर दिया इसका अंतोगत्वा भार प्रदेश के 1 करोड़ 39 लाख विद्युत उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ा। वहीं निविदा की शर्तों में 6 बार टेंडर की तारीखों को बदलने का इतिहास ही बना डाला। ठेकेदार ने एस्टिमेट कॉस्ट से 70 से 80ः अधिक दर पर रेट कोट की थी। सरकार ने बिल ऑफ क्वांटिटी की दर से 40ः अधिक दर पर विद्युत कनेक्शन लगाने का ठेका चहेती फर्मों को दिया। इस दौरान जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी, पूर्व जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत, जिला उपाध्यक्ष सवाई सिंह तंवर, मीडिया संभाग प्रभारी मुकेष आचार्य, विक्रम सिंह राजपुरोहित, देवी सिंह षेखावत, भंवरलाल जांगिड, जसराज सिंवर आदि मौजुद रहे।