


बीकानेर। प्रदेश की सरकार ने नगर पालिका अधिनियम २००९ में संशोधन करते हुए नगर निगम/परिषद/पालिका अधिकृत क्षेत्रों में संबंधित नगर निकाय को जोनल डवलपमेंट प्लान बनाने के अधिकार दिए है। इससे पहले इन एंजेसियों को यह अधिकार नहीं था। जिसके कारण यह एंजेसियां चाहकर भी जोनल डवलपमेंट का प्लान नहीं बना सकती थी। बता देें कि इसके लिए बीकानेर नगर निगम की महापौर ने लम्बी लड़ाई व लम्बा संघर्ष किया था। उनका यह संघर्ष व लड़ाई रंग लाई है। जिसका फायदा अब न केवल पूरे राजस्थान को होगा बल्कि इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।
महापौर ने ऐसे लड़ी लड़ाई
जोनल प्लान बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी नगर विकास न्यास द्वारा नगर निगम अधिकृत क्षेत्र को शामिल नहीं करने पर महापौर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्वायत्त शासन विभाग मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचिव निरंजन आर्य,नगरीय विकास विभाग सलाहकार जी एस संधू से लेकर हर प्रशासनिक अधिकारी तक इस विषय में शिकायत की तथा नगर निगम अधिकृत क्षेत्र में निगम द्वारा जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाने की अनुशंसा की। महापौर ने बीकानेर आए मंत्री शांति धारीवाल तथा समस्त प्रशासनिक अमले को इस विषय से अवगत करवाया। महापौर की आम जनता के प्रति संवेदना और अभियान को सफल बनाने की दृढ़ इच्छाशक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महापौर इस समस्या के समाधान के लिए जयपुर भी पहुंच गई।
महापौर के प्रयासों और संघर्ष की विजय हुई और आखिरकर राज्य सरकार द्वारा महापौर के सुझावों को मानते हुए नगर पालिका अधिनियम 2009 में संशोधन करते हुए नगर निगम/परिषद/पालिका अधिकृत क्षेत्रों में संबंधित नगरीय निकाय को जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाने के अधिकार दे दिए हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना और गैजेट नोटिफिकेशन अनुसार नगरीय निकाय क्षेत्र में निकाय द्वारा जोनल प्लान बनाकर आपत्तियों एवं सुझावों को समायोजित कर जोनल प्लान राज्य सरकार को भिजवाना होगा। मुख्य नगर नियोजक द्वारा परीक्षण कर जोनल डेवलपमेंट प्लान को स्वीकृत किया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार नगरीय निकाय जोनल प्लान के लागू होने के बाद भी आवश्यकता महसूस होती है तो जोनल प्लान में बदलाव कर पाएगा । हालांकि इन बदलाव को लागू करने के लिए भी पूर्व की तरह बदलावों के साथ जोनल प्लान बनाकर सरकार को भेजना होगा जिस पर अंतिम स्वीकृति मुख्य नगर नियोजक द्वारा ही दी जाएगी।
नगर निगम को जोनल प्लान बनाने की स्वीकृति मिलने से नगर निगम अधिकृत क्षेत्र में ऐसे मार्ग जिन पर स्थित भूखंड जो मास्टर प्लान के अनुसार आवासीय है परंतु वर्तमान में व्यवसायिक गतिविधियों के अंतर्गत संचालित है ऐसे भूखंडों का व्यावसायिक रूपांतरण किया जा सकेगा । इसके साथ ही नगर निगम के सभी स्कीम एवं नॉन स्कीम क्षेत्रों में जोनल प्लान बनने से आम जनता का बहु प्रतीक्षित स्वप्न साकार हो पाएगा और अपने भूखंड का पट्टा मिल पाएगा। साथ ही नगर निगम में स्थित 30 कच्ची बस्तियां जहां सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद है, को डेनोटिफाई करते हुए सभी भूखंड धारियों को पट्टे जारी किए जा सकेंगे।
‘9 वर्षों के बाद प्रशासन शहरों के संग अभियान आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में शहर की मुखिया होने के नाते मेरा प्रयास है कि इस अभियान का अधिक से अधिक लाभ आम जनता तक पहुंचाया जा सके। मैं राज्य सरकार के इस निर्णय का स्वागत करती हूं तथा धन्यवाद ज्ञापित करती हूं की मेरे सुझावों को मानते हुए सरकार द्वारा नगर पालिका अधिनियम में आमजन के हित के लिए संशोधन किए गए हैं। जोनल प्लान बनने से नगर निगम भी सरकार द्वारा निर्धारित पट्टों के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपना सहयोग दे पाएगा। जोनल प्लान बनाने की स्वीकृति मेरी नहीं अपितु समूचे राजस्थान के हर उस आम नागरिक के संघर्ष की जीत है जो इस अभियान से अपने भूखंड के लिए पट्टे की आस लगाए बैठा है।
सुशीला कंवर राजपुरोहित, महापौर
नगर निगम बीकानेर