5 वर्षों बाद मिटे गिले सिकवे, देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी

Grievances erased after 5 years, Devi Singh Bhati returns to BJP
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बीकानेर। राजस्थान के रण में भगवा पताका लहराने को आतुर भाजपा की दो दिन धुआंधार बैठकें चली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद कमान संभाली और जयपुर में महामंथन किया। इस महामंथन के दूसरे दिन, देर रात वसुंधरा राजे के बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की भाजपा में घर वापसी हो गई। इसके साथ ही भाटी ने कहा कि सारे गिले शिकवे दूर हो गए। दरअसल देवी सिंह भाटी बीकाणा के दिग्गज नेता है, जिन्होंने साल 2019 में अर्जुन राम मेघवाल को बीकानेर लोकसभा से टिकट दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए भाजपा से अपनी राह जुदा कर ली थी। इसके बाद भाटी वक्त-बे-वक्त लगातार अर्जुन राम मेघवाल पर हमलावर रहे। हालांकि पिछले कुछ वक्त से उनकी घर वापसी की चर्चाएं तेज थी और अंत: गुरुवार देर शाम उनकी घर वापसी हो गई। घर वापसी के बाद देवी सिंह भाटी ने कहा कि मेरी भाजपा में 5 साल बाद वापसी हुई है। पार्टी ने मुझे गले लगाया। किन्हीं परिस्थितियों के चलते कुछ बिंदुओं पर मैं अलग हो गया था। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मेरी बात हुई। हम दोनों संतुष्ट हैं। हम मिलकर 2023 में भाजपा की सरकार बनाएंगे।
7 बार के विधायक हैं भाटी
आपको बता दें कि देवी सिंह भाटी कुल 7 बार विधायक रह चुके हैं। साल 1980 में पार्टी ने कोलायत विधानसभा सीट से चुनावी दांव खेला था और वह सफल रहे। इसके बाद साल 2008 तक भाटी ने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। वह लगातार 2008 तक जीतते चले गए। लेकिन साल 2013 में मोदी लहर के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं साल 2018 में भाजपा ने उनका टिकट काट कर उनकी पुत्रवधू पूनम कंवर को टिकट दिया, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव के बाद भाटी ने दावा किया था की अर्जुन राम मेघवाल ने उनकी पुत्रवधू के खिलाफ कैंपेन कर चुनाव हरवाया है।

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