


बीकानेर। वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर तैनात की गई वन विभाग की टीम स्वयं ही इनके लिए घातक सिद्ध होने लग जाए तो ऐसे में वन्यजीव कैसे सुरक्षित रहेंगे? ऐसा ही एक मामला राजस्थान को बाड़मेर जिले में सामने आया है जिसमें घायल हिरण को उपचार के लिए ले जाने के बजाय रेस्क्यू टीम शराब ठेके पर दारू पार्टी करते नजर आई। जहां एक हिरण को रेस्क्यू करने के लिए वन मंडल के 4 कार्मिक एंबुलेंस में सवार होकर रात को 9.30 बजे हिरण लेकर रवाना हुए। रेस्क्यू टीम का मतलब है कि घायल की हर हाल में जान बचाना। जान बचाने की बजाय रेस्क्यू टीम के सदस्य ही बीच रास्ते में ही शराब के ठेके पर पहुंच गए और शराब पार्टी करने लग गए। जबकि गाड़ी में घायल हिरण बुरी तरह से सिसकता रहा। यही नहीं रेस्क्यू के लिए पहुंची एम्बुलेंस के चालक ने गफलत व लापरवाही से वाहन चलाया। जिसकी चपेट में आता-आता एक युवक बाल-बाल बचा। 3 युवा खेत की रुखाली करने बैठे युवा पर भी गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की बाद में युवा व गांव वालों के सहयोग से गाड़ी पकड़ी तो शराब पीते पकड़े गये। गाड़ी में शराब की बोतेले व अन्य सामग्री मिली। लोगों ने इनको तुरंत सस्पेंड करने व बाकी उच्च स्तरीय जांच करवाए जाने की मांग की है।