


बीकानेर। यदि शादी के समय दूल्हे ने अपनी दाढ़ी को शेव नहीं कराया तो बारात लेकर वापस लौटना पड़ेगा। पश्चिमी सभ्यता के बढ़ते प्रभाव को रोकने और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है। ये फैसला कुमावत समाज ने किया है। यह मामला राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले का है। दरअसल, चौथ का बरवाड़ा में 5 मई (पीपल पूर्णिमा) को कुमावत समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन है। सम्मेलन की तैयारियां भी शुरू हो गई है। इससे पहले समाज के लोगों ने बैठक कर दूल्हों के सामने एक शादी में क्लीन शेव होने की शर्त रख दी। जिसका जयपुर, टोंक, सवाईमाधोपुर से भी आए लोगों ने समर्थन किया। समाज की धर्मशाला समिति के अध्यक्ष भंवरलाल ने बताया कि सप्ताह भर पहले शंकरलाल सुकड़ीवाल की अध्यक्षता में सम्मेलन को लेकर बैठक की गई थी। समाज के लोगों का कहना था कि, फैशन के चक्कर में आज का युवा अपनी संस्कृति को भूलता जा रहा है। लडक़े भी बड़ी-बड़ी दाड़ी, मूंछे, फ्रेंच कट और न जाने कितने अलग स्टाइल में दाड़ी रखने लगे है। पहले के समय में जब शादी होती थी। तब दूल्हा क्लीन शेव ही होता था। अध्यक्ष ने कहा कि कुछ समय से युवा लडक़ों में दाढ़ी रखने का फैशन चला है। इससे पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव देखने को मिलता है। अपनी शादी के दौरान भी लडक़े बड़ी दाड़ी रखते हैं। अपनी संस्कृति को बनाए रखने के लिए समाज के लडक़ों के सामने शादी के लिए एक शर्त रखी गई है।