


बीकानेर। यदि आप सतर्क हैं तो आप के खाते से हैकरों द्वारा निकाले गए पैसे को भी वापस पा सकते हैं। इसके लिए आप को साइबर क्राइम होते ही तुरंत मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एमएचए) की हैल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर खाते और निकले पैसे की पूरी जानकारी देनी होगी। यदि आप तुरंत जानकारी देते हैं तो ठगी गई रकम को वापस पाने में सफल हो जाएंगे। वहीं, आप ने कोई लापरवाही या देरी की तो अपनी मेहनत की पूंजी को एक बार के लिए खो देंगे। यदि प्रदेश में साइबर ठगी की बात की जाये हर घंटे दर्जनों कॉल और शिकायत 1930 पर मिल रही है। आप के साथ ठगी होते ही 1930 पर कॉल कर के सबसे पहले निकली रकम का पूरा विवरण दें, साथ ही बैंक कौनसा है ट्रांजेक्शन नम्बर साझा करें। आप से मिली जानकारी को एमएचए के पोर्टल पर भेज दिया जाएगा। जिसे साइबर पुलिस पोर्टल पर डाल दिया जाएगा। जिससे यह जानकारी और ट्रांजेक्शन नम्बर बैंक के नोडल अधिकारी के पास जाएगी।
नोडल बैंक बताएगा की किस राज्य जिले की बैंक में यह पैसा गया है। नोडल अधिकारी वह बैंक खाता सीज कर देगा। इससे बैंक में गया पैसा बैंक में ही रहेगा कोई उसे निकाल नहीं पाएगा। डेबिड फ्रिज होने के बाद आरोपी मैनवली या किसी भी एप से पैसा खाते से नहीं निकाल सकता। जिसकी जानकारी बैंक का नोडल अधिकारी पुलिसकर्मी को देता है उसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर पैसा मिल जाता है।
7 करोड़ 85 लाख 37 हजार 366 रुपए रिकवर हो चुके
हालही में एमएचए ने यह टोल फ्री नम्बर 1930 जारी किया है। इससे पहले 155260 था। राजस्थान में जयपुर कमिश्नरेट के अभय कमांड सेंटर में यह शिकायतें सुनी जाती है। पूरे प्रदेश भर से इस नम्बर पर शिकायत आती है जिसे बैंक के सभी नोडल अधिकारियों को दे दी जाती है। 1 अप्रैल 2021 से अब तक राजस्थान से लगभग 28हजार 741 शिकायतें आ चुकी है। जिस में जयपुर कमिश्नरेट से 4960 मामले सामने आये हैं। शिकायत पर पुलिस अब तक निरंतर साइबर फाइनेंस फ्रॉड करने वाले लोगों के 185 सिम और 194 आईएमईआई नम्बर ब्लॉक किये जा चुके हैं।
बदमाश कम पकड़े जाते हैं, बैंक खातों से निकाल लिया जाता है पैसा
राजस्थान के लोगों से साइबर फाइनेंस फ्रॉड करने वाले अधिकांश कोलकाता,केरल और पश्चिम बंगाल के होते हैं। ये लोग फेक आईडी से बैंक खाते खुला लेते हैं। जिनकी आईडी होती है उन्हे चंद पैसा देकर पीछे कर दिया जाता है। ये लोग खाते में पैसा लेकर ट्रांजेक्शन बंद कर देते हैं। ऐसे में इन्हे पकडऩा मुश्किल नहीं नामुमकिन हैं। ऐसे में जानकारी अगर समय पर मिल जाये तो बैंक ही खाता फ्रीज कर देता है। जिससे खाते में पैसा निकल नहीं पाता।