


बीकानेर। जलदाय विभाग की राइजिंग व वितरण पाइपलाइनों में लाखों अवैध जल नल कनेक्शन के कारण वैध व बिल देने वाले उपभोक्ताओं के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इन अवैध कनेक्शनों के कारण विभाग को भी डिमांड व सप्लाई की सही जानकारी नहीं लग पा रही है।इससे हर साल गर्मियों में विभाग के इंजीनियरों को जन आंदोलन का शिकार होना पड़ता है। इसको देखते हुए विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने अवैध जल कनेक्शन के रेगुलराइजेशन करवाने के लिए 28 फरवरी तक का मौका दिया है। इसके बाद मार्च के पहले सप्ताह से अवैध कनेक्शन पाए जाने पर बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी और पुलिस एफआईआर दर्ज होगी।हालांकि कई डिविजन ने अवैध कनेक्शन को चिह्नित कर कार्रवाई भी शुरू कर दी है। पिछले सप्ताह में उदयपुर के भुवाणा स्थित हाइराइज बिल्डिंग में अवैध कनेक्शन मामले में विभाग ने आर्ची पैराडाइज रेजीडेंशियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। अब प्रदेश भर में ग्रुप हाउसिंग व हाइराइज बिल्डिंग में पेयजल
सप्लाई की जांच की जा रही है। अवैध कनेक्शन पाए जाने पर जिम्मेदार इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।अवैध पानी कनेक्शन से नुकसान, गर्मियों की प्लानिंग नहीं हो पाती
अवैध पानी कनेक्शन के कारण जलदाय विभाग को क्षेत्र की वास्तविक पेयजल डिमांड की जानकारी नहीं लग पाती है। इससे गर्मियों की प्लानिंग नहीं होने से पेयजल संकट रहता है।
अवैध कनेक्शन में लीकेज के कारण दूषित पानी की सप्लाई होती है। इससे क्षेत्र में कई बार बड़ी संख्या में उल्टी-दस्त व पीलिया का रोग फैलता है।
विभाग को राजस्व की हानि होती है और सप्लाई हो रहे पानी की बिलिंग नहीं हो पाती है।
बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को पेयजल संकट झेलना पड़ता है।
नियमित उपभोक्ता बनने की अपील
विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने आम जनता से अपील की है कि विभाग की जल वितरण व्यवस्था में नियमित उपभोक्ता बने
और जल उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण व नियमित पेयजल उपलब्ध कराने के संकल्प में विभाग को सहयोग करें। अपने अवैध जल कनेक्शन को निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर व शुल्क जमा करवाकर आगामी 28 फरवरी तक नियमित करवा ले।मार्च में अवैध कनेक्शनों पर कार्रवाई विभाग की टीमें मार्च में अवैध जल कनेक्शन के खिलाफ कार्रवाई करेगी। विभागीय के 31 मार्च 2017 के आदेश के अनुसार
पेनल्टी लगाते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ ऐसे व्यक्तियों व संस्थाओं के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने के एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। अवैध कनेक्शन हटाने के दौरान विरोध होने पर पुलिस सहायता ली जाएगी।अवैध कनेक्शन धारक के खिलाफ पीडीसी एक्ट 1984 सेक्शन 3, सब सेक्शन 2 व आईपीसी की धारा 379 न 430 के तहत एफआईआर भी दर्ज होगी। अवैध कनेक्शन पाए जाने पर 1210 रुपए का एकमुश्त शुल्क पेनल्टी और 30 किलोलीटर प्रतिमाह जल उपभोग के हिसाब से कम से कम एक साल के कुल पानी उपभोग शुल्क की पांच गुना पेनल्टी वसूली का प्रावधान है।