






बीकानेर। संभाग के श्रीगंगानगर जिले की एक स्कूल ने महामारी के दौरान आर्थिक मंदी का देखते हुए पूरे स्कूल की तीन माह की फीस माफ कर एक अनूठी मिसाल कायम की है। इसके अलावा इस स्कूल ने कार्यरत शिक्षकों को भी तीन माह का वेतन दिया गया है। ये श्रीगंगानगर का श्री गुरुनानक खालसा स्कूल है, जिसमें लगभग 1500 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. आर एस बराड़ बताते हैं कि जब कोरोना महामारी का आगमन हुआ तो यह पता चला कि यह बिमारी लम्बी चलने वाली है और स्कूल कालेज भी जल्द नहीं खुलेंगे और लोगो के काम धंधे भी ठप्प हो गए हैं। ऐसे में फीस माफ करने का यह फैसला लिया गया। उन्होंने बताया कि यह संस्था नो प्रॉफिट, नो लास पर चलती है और शिक्षकों को वेतन देने के बाद बची राशि का कुछ हिस्सा स्कूल के विकास कार्यों पर लगाया जाता है जो अब नहीं लगाया जाएगा और बच्चों की फीस माफ कर दी गयी है।
स्कूल के सचिव मनिंदर मान ने बताया कि संस्था द्वारा पिछले दो महीनो से जरुरतमंदों को लंगर भी खिलाया जा रहा है और जब वे लंगर वितरण के लिए जाते थे तो उन्हें महसूस हुआ कि जब लोगों के पास खाना ही नहीं है तो वे स्कूल की फीस कैसे भरेंगे? फीस माफ करने का फैसला मुश्किल भरा था लेकिन देश पर आये संकट को देखते हुए यह फैसंला लिया गया। स्कूल में पढऩे वाले बच्चो के माता-पिता भी काफी खुश नजर आए। उनका कहना था कि लॉकडाउन के कारण काम धंधे बिलकुल ठप्प हो चुके हैं। ऐसे में स्कूल का यह फैसला काफी राहत भरा है। स्कूल की एक छात्र ने कहा कि उसके पिता मजदूरी करके परिवार का पोषण करते हैं, ऐसे में फीस माफ होने से उसकी पढ़ाई निरंतर चलती रहेगी और पिता को भी दिक्कत नहीं होगी। श्री गुरुनानक खालसा स्कूल की इस पहल को हर जगह सराहा जा रहा है और यह पहल प्रदेश के अन्य स्कूलों के लिए भी एक सन्देश है, जिससे लॉकडाउन से प्रभावित छात्रों के अभिभावकों को राहत मिलेगी। साथ ही साथ देश पर आये इस संकट से उबरने के लिए एक योगदान भी माना जाएगा।