


बीकानेर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, (राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर) के निर्देशानुसार पवन कुमार अग्रवाल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश द्वारा पीबीएम अस्पताल परिसर में स्थापित सखी वन स्टॉप सेंटर का मासिक निरीक्षण किया गया। उक्त सखी वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा एवं उत्पीडऩ की शिकार महिलाओं को एवं अन्य किसी भी प्रकार से पीडि़त महिलाओं को तुरंत राहत प्रदान करवाने के उद्देश्य से अविलंब चिकित्सकीय, मनोवैज्ञानिक एवं कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। आज निरीक्षण के दौरान पाया गया कि उक्त केन्द्र में कॉविड-19 के संक्रमण से रोकथाम के कोई पर्याप्त उपाय व साधन नहीं है। केन्द्र में हैंड सेनेटाईजर उपलब्ध नहीं पाया गया। मास्क व ग्लव्ज की भी अनुपलब्धता होना निरीक्षण के दौरान उपस्थित कर्मचारीगण ने जाहिर किया। केन्द्र में सोडियम हाइपोक्लोराइड सोल्यूशन का छिड़काव करवाया जाना भी नहीं पाया गया जबकि उक्त केन्द्र पीबीएम परिसर के अन्दर ही स्थित है। साथ ही निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि उक्त केन्द्र पर कार्यरत कर्मचारीगण को दिसम्बर 2019 से मई 2020 तक किसी भी प्रकार का वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। उपस्थित कर्मचारीगण ने इस बात को लेकर पीड़ा जाहिर की कि उन्हें कई माह से वेतन नहीं मिल रहा है। सखी सेंटर में सभी आने वाले पीडि़त महिलाओं हेतु परामर्शदाता, पुलिस कर्मी, चिकित्साकर्मी, व आपातकालीन अस्थाई ठहरने की व्यवस्था 24 घंटे उपलब्ध रहती है। साथ ही पीडि़त महिलाओं को जरूरत होने पर नि:शुल्क कानूनी सहायता भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर के द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। उक्त केन्द्र पीडि़त व उत्पीडऩ की शिकार महिलाओं को अविलंब सहायता व राहत दिलाने हेतु स्थापित किया गया है।