


बीकानेर। शादी-समारोह में यादगार के रूप की करवाई जाने वाली फोटोग्राफी पर लॉकडाउन का ताला लग गया है। इधर शादियों का सीजन शुरू हुआ तो उधर लॉकडाउन की शुरूआत। जिसका सीधा असर फोटोग्राफी कारोबार से जुड़े लोगों पर पड़ा। हालांकि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने शादियों की स्वीकृति तो दे दी गई लेकिन इसके लिए तय किए गए नियमों के मुताबिक फोटोग्राफी पर रोक लग गई है। यह बात बीकानेर फोटोग्राफर संघ के पदाधिकारियों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए अवगत कराई। इस दौरान संघ के अजीज भुट्टा ने बताया कि भारत में जब लॉक डाउन की शुरुआत हुई थी तभी फोटोग्राफी व्यवसाय का सीजन शुरू हुआ था और अचानक से लोक डाउन होने से तमाम शादियां रद्द हो गई जिसके कारण फोटोग्राफर वर्ग को बड़ा नुकसान उठाने के साथ आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। आगे भी अब नए नियम में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं जिसके कारण फोटोग्राफी व्यवसाय लगभग बंद हो चुका है। जिसके कारण आने वाले समय में भी कमाई का कोई आसार दिखाई नहीं दे रहा है। मनीष पारीक ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि इस महामारी के दौर में स्टूडियों का किराया माफ करने, बैंक लोन की ईएमआई 6 महीने तक स्थगित की जावे व ब्याज माफ करने, सरकार द्वारा फोटोग्राफरों को आर्थिक मदद करने, फोटोग्राफी को कला का दर्जा दिया जाए जिससे अन्य कलाकारों की तरह फोटोग्राफर को भी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके, शादी में 50 लोगों के शामिल होने का जो आदेश है उसमें फोटोग्राफर को भी शामिल करने आदि मांगों पर सरकार को सहमति प्रदान करनी चाहिए जिससे फोटोग्राफी कारोबार से जुड़े लोगों का भविष्य फिर से उज्जवल हो सके। इस दौरान गौतम मांडण, रामप्रताप पाडेचा, प्रीतम सुथार, शिव पंचारिया आदि मौजूद रहे। वहीं इस दौरान गौतम मांडण ने हाथ से बनाई एक पेंटिंग जिला कलक्टर को भेंट की जिससे फोटोग्राफी को कला का दर्जा मिलने के लिए भी मांग की गई।